Punjab Politics: कैप्टन अमरिंदर के खिलाफ कांग्रेसियाें के बदल गए तेवर, पढ़ें लुधियाना की और राेचक खबरें
Punjab Politics पंजाब में नेतृत्व परिवर्तन के साथ ही नेताओं ने पाला बदलना शुरू कर दिया है। इंटरनेट मीडिया पर पहले कैप्टन के साथ अपनी तस्वीर पोस्ट कर फूले नहीं समाने वाले नेता अब पूर्व सीएम के खिलाफ लिखने से गुरेज नहीं कर रहे।
लुधियाना, [भूपेंदर सिंह भाटिया]। Punjab Politics: राजनीति भी क्या चीज है। पद बदलते ही लोगों के तेवर भी बदल जाते हैं। पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के दरबार में पहुंचने के लिए हमेशा कोशिश में लगे रहने वाले कांग्रेस नेता भी समय बदलते ही कैप्टन के खिलाफ बोलने लगे हैं। जिस इंटरनेट मीडिया पर पहले कैप्टन के साथ अपनी तस्वीर पोस्ट कर फूले नहीं समाते थे, अब उसी इंटरनेट मीडिया पर वह कैप्टन के खिलाफ लिखने से गुरेज नहीं कर रहे। देखा जाए तो आज पद से हटने के बावजूद कैप्टन जैसी शख्सियत के सामने उनकी खड़े होने की हिम्मत नहीं है, लेकिन वह इंटरनेट मीडिया पर कैप्टन के खिलाफ लिख नए आका को खुश करने की कोशिश कर रहे हैं। एक वरिष्ठ नेता ने तो कह दिया कि ऐसे लोगों का कोई दीन धर्म नहीं होता। आज वर्तमान मुख्यमंत्री के पास पहुंचने की जुगत लगा रहे हैं, कल उनके साथ भी ऐसा ही कुछ करेंगे।
सीएम साब... फर्जी दौरा ही बना लो
ताजपोशी होने के बाद अब नए मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने पंजाब के अलग-अलग जिलों में दौरे शुरू कर दिए हैं। वह लोगों की समस्याएं सुनने के बाद उन्हें आश्वासन देने के साथ उनके जिले के लिए नए प्रोजेक्ट की भी घोषणा कर रहे हैं। इतना ही नहीं, उन्होंने जिन इलाकों का दौरा करना होता है, वहां आनन-फानन में सफाई के साथ सड़कों की मरम्मत भी की जा रही है। इन दिनों लुधियाना में वाट्सएप पर अब अलग-अलग पोस्ट आनी शुरू हो गई है। एक शख्स ने लिखा, 'सीएम साब गिल रोड दा फर्जी दौरा ही अनाउंस कर देयो, एसे बहाने साड्डी सड़क वी बन जावेगी।' एक अन्य ने पोस्ट किया कि सीएम साहब आप छोटे वर्गों की बात करते हैं। लुधियाना का दौरा तय करें तो शहर के पाश इलाकों को छोड़ बाहरी इलाकों में लोगों की मूलभूत सुविधाओं का जायजा लें, जहां लोग बड़े बुरे हाल में हैं।
सुखबीर बादल का बदला-बदला अंदाज
र्पू उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल भले ही आज सत्ता में नहीं हैं, लेकिन पंजाब की राजनीति में उनकी लोकप्रियता पूरी तरह बरकरार है। दस साल तक सत्ता में रहने के दौरान सुखबीर बादल के पास आम लोगों से मिलने का समय ही नहीं होता था, लेकिन अब उनका अंदाज ही बदल गया है। लुधियाना में पहुंचे सुखबीर अचानक एक छोले कुलचे की दुकान में जा घुसे। वहां उन्होंने दुकानदार से उसका हालचाल पूछा और वहां मौजूद लोगों के साथ सेल्फी ली। इतना ही नहीं, जब भीड़ में महिलाएं भी उनके साथ सेल्फी लेने के लिए प्रयासरत नजर आई तो सुखबीर ने उनका मोबाइल लेकर खुद उनके साथ सेल्फी ली और उनका शुक्रिया भी अदा किया। समय कम होने के बावजूद सुखबीर ने सेल्फी लेने वालों की ख्वाहिश पूरी की। इससे उनके कई निर्धारित कार्यक्रम लेट हुए, लेकिन फिर भी वह लोगों के करीब जाने के लिए हरसंभव प्रयास करते रहे।
फूंक-फूंक कर कदम रखना जरूरी
कांग्रेस में कुछ भी संभव है। पल में राजा को रंक बना दिया जाता है तो रंक को राजा। यही कारण है कि अब कांग्रेस मंत्री हो या फिर विधायक, हर कोई बड़े हिसाब से कदम रख रहा है। कुछ आवेश में आकर एक गुट में शामिल हो जाते हैं तो उन्हें या तो लाभ होता है या फिर नुकसान, पर कुछ नेता अभी फूंक-फूंक कर कदम रख रहे हैं। इन पर दिवगंत लेखक खुशवंत सिंह का कोट 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर' सटीक बैठता है। लुधियाना के मंत्री भारत भूषण आशु इनमें से एक हैं। नई कैबिनेट की सूची में नाम होने के बावजूद उन्होंने अपने समर्थकों को स्पष्ट कहा कि जब तक शपथ नहीं होगी, कोई जश्न नहीं होगा। कारण, पिछली बार उनके नाम की चर्चा उपमुख्यमंत्री के रूप में होने के बाद लोगों ने जश्न मना लिया था, बाद में ऐसा कुछ नहीं हुआ।
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