घरों में किताबों से सजी अलमारी जरूर रखें
विश्व सभ्यता के विकास में किताब का सबसे बड़ा रोल है। क्योंकि जो ज्ञान यहां वहां बिखरा हुआ था, उसे पुस्तक के रूप में संभालकर अगली पीढ़ी तक पहुंचाने का कार्य भी पुस्तक ने ही किया है।
विश्व सभ्यता के विकास में किताब का सबसे बड़ा रोल है। क्योंकि जो ज्ञान यहां वहां बिखरा हुआ था, उसे पुस्तक के रूप में संभालकर अगली पीढ़ी तक पहुंचाने का कार्य भी पुस्तक ने ही किया है। आज इंटरनेट का युग चल रहा है, उसमें किताब की सरदारी कम हो रही है। लेकिन यह भी नहीं भूलना चाहिए कि इंटरनेट पर जो ज्ञान मिल रहा है, उसका स्त्रोत भी किताब ही है। यदि किताब के प्रति रूचि कम हो गई, तो विश्व स्तर पर विकास की कहानी छोटी हो जाएगी।
ज्ञान हो, विज्ञान हो, कानून हो या इलाज प्रबंध हो, सब कुछ पुस्तक के रूप में ही संभाला जाता है और पुस्तक रूप में ही आगे से आगे बांटा जा सकता है। इसलिए हम सभी को कोशिश यह करनी चाहिए कि अपने-अपने घरों में किताब की अलमारी रख सकें। ताकि जब हम पुस्तक के पास से निकलें, तो किताब आवाज दें और उस पुस्तक को पढ़कर जिंदगी की कोई सीख मिल सके। एक पुस्तक ज्ञान तो हमें देती ही है, इससे हमारा अच्छा खासा मनोरंजन भी हो जाता है। इसीलिए पुस्तकों को हमारा मित्र कहना गलत नहीं होगा। जो हमें देती तो बहुत कुछ हैं, लेकिन बदले में हम से कुछ नहीं चाहती। किताबें जीवन संवारने की शिक्षा देती हैं, साहस और धैर्य प्रदान करती है। अंधकार में हमें रास्ता दिखाती है। ये चरित्र निर्माण का सर्वोत्तम साधन हैं। प्राचीन समय में पुस्तकें आसानी से प्राप्त नहीं होती थी। लेकिन आज के आधुनिक युग में प्रिंटिंग का आविष्कार होने से पुस्तकें आसानी से उपलब्ध हो जाती हैं। हर विषय पर अब जानकारिया हर भाषा में पुस्तकों में प्रकाशित होने लगी हैं। इसलिए, किताबों को अपनी जिंदगी का अहम हिस्सा बनाएं। क्योंकि, जिस दिन हमारे हाथों से किताब खिसक गई तो पंजाब पंजाब नहीं रहेगा।
- प्रो.गुरभजन सिंह गिल, पूर्व प्रधान पंजाबी साहित्य अकादमी।