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किसानों की हड़ताल: दो दिन में सब्जी का पड़ा अकाल, दाम में 3 गुना उछाल

आने वाले कुछ दिन आपके रसोई के बजट को हिला सकते हैं, क्योंकि सब्जी और फलो के दाम बढ़ रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Sun, 03 Jun 2018 07:05 AM (IST)Updated: Sun, 03 Jun 2018 07:05 AM (IST)
किसानों की हड़ताल: दो दिन में सब्जी का पड़ा अकाल, दाम में 3 गुना उछाल
किसानों की हड़ताल: दो दिन में सब्जी का पड़ा अकाल, दाम में 3 गुना उछाल

जासं, लुधियाना

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आने वाले कुछ दिन आपके रसोई के बजट को हिला सकते हैं, क्योंकि सब्जी और फलो के दाम बढ़ रहे हैं। इसकी झलक दो दिन की किसानों की हड़ताल के कारण दामों में हुई 2 से 3 गुणा बढ़ोतरी से ही देखने को मिल गई। भारतीय किसान यूनियन के 'गांव बंद देश के किसान छुंट्टी' पर का असर दूसरे दिन भी लुधियाना सब्जी मंडी में देखने को मिला। शनिवार को बाजार में सब्जी बेहद कम पहुंची। इससे दामों में जबरदस्त उछाल देखने को मिला। आंदोलन को देखते हुए होलसेलरों ने भी सब्जी का स्टॉक कर दामों में बढ़ोतरी कर बेचा। कारोबारियों का कहना है कि फल-सब्जी को लेकर संकट गहरा सकता है। ज्ञात हो कि अपनी मांगो को लेकर किसान यूनियन ने 10 दिन तक दूध एंव फल सब्जी की आपूर्ति शहरों में ठप करने का ऐलान किया है। लुधियाना मंडी में कम आई सब्जी

पंजाब स्टेट फ्रूड एंड वैजीटेबल कमिशन एजेंट एसोसिएशन के महासचिव अमरवीर सिंह के मुताबिक यह बेहद कठिन दौर है। सब्जी बाजार में सप्लाई न आने के चलते इसकी डिमांड बढ़ रही है और दामों में उछाल आ रहा है, जो किसान सब्जी और फट दे रहे हैं, वे दाम भी बेहद अधिक मांग रहे हैं। इसके चलते डेढ़ से दो गुणा तक दाम बढ़ गए हैं। पहले दिन भले ही असर कम था। लेकिन दूसरे दिन सब्जी न आने से स्थिति बेहद खराब रही। कहां से कहां पहुंचे दाम

सब्जी हड़ताल से पहले हड़ताल के दौरान

शिमला मिर्च : 10 रुपये 40 रुपये

खीरा 8 से 20 रुपये

गोभी 12 से 25 रुपये

टमाटर 8 से 25 रुपये,

बैंगन 10 से 25 रुपये

हरी मिर्च 12 से 30 रुपये

अदरक 25 50 रुपये

लहसुन 15 से 40 रुपये

भिंडी 12 से 25 रुपये

गाजर 8 से 15 रुपये

सभी दाम रुपये प्रति किलो वेरका में ग्रामीण इलाकों से कम आया दूध

वेरका के जनरल मैनेजर एचएस संधू के मुताबिक हड़ताल का असर दूध सप्लाई पर भी दिखने लगा है। हड़ताल के चलते ग्रामीण इलाकों से दूध कम आ रहा है। जबकि अभी शहर के दूध उत्पादक पूरा दूध भेज रहे हैं। ग्रामीण इलाकों से दूध बीस से तीस प्रतिशत कम आ रहा है।


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