सिविल अस्पताल में चोरों का आतंक, सीसीटीवी न होने के कारण बढ़ रही चोरी की वारदात
सिविल अस्पताल के अंदर चोरों का इतना आतंक बढ़ गया है कि वहां दाखिल मरीज से लेकर डाक्टर तक खौफ में हैं। अस्पताल के वार्ड से लेकर ओपीडी तक में चोरों की नजर रहती है।
लुधियाना, [विनोद पुरोहित]। सिविल अस्पताल के अंदर चोरों का इतना आतंक है कि वहां दाखिल मरीज से लेकर डाॅक्टर तक खौफ में हैं। अस्पताल के वार्ड से लेकर ओपीडी तक चोरों की नजर रहती है। जो नजर हटते ही सामान व मोबाइल पर हाथ साफ कर जाते हैं। अस्पताल से हर दूसरे दिन किसी न किसी मरीज व स्टाफ का मोबाइल चोरी हो जाता है तो कभी कैश। चोरी की इतनी वारदातें होने के बाद भी न इस तरफ पुलिस सख्त कदम उठा रही है न ही अस्पताल प्रबंधन। जो अपनी जिम्मेवारी एक-दूसर पर थोपते हैं। दशमेश नगर निवासी भोलन (55) ने बताया कि वह ज्यादा बुखार होने के चलते शुक्रवार सुबह ही दाखिल हुआ। उसके पास नशे की हालत में एक व्यक्ति आया था, जिसने तलाशी लेने के नाम पर उसकी जेब से 3 हजार की नकदी, मोबाइल व दस्तावेज चोरी कर लिए। जब उसका परिवार आया तो उसने पुलिस को शिकायत दी। उसे शक है कि वह वही व्यक्ति है जो लावारिस शव उठाता है।
डाॅक्टर व नर्सिग स्टूडेंट भी खौफ में
इन चोरों ने मरीज तो मरीज अस्पताल की नर्सिंग स्टाफ व डाॅक्टरों तक के सामान व मोबाइल चोरी कर लिए। एक हफ्ता पहले इमरजेंसी में तैनात डाॅक्टर व स्टाफ के पर्स से 1500 रुपये चोरी हो गए। इसके बाद सिविल अस्पताल में ट्रेनिंग करने आई नर्सिंग स्टूडेंट का वार्ड के अंदर से ही एपल का मोबाइल चोरी हो गया। इन चोरी की घटनाओं का हिसाब लगाने लगे तो साल के 365 दिनों में 365 से ज्यादा ही चोरी की घटनाएं सामने आ जाएंगी।
न सिक्योरिटी गार्ड सख्त और न सीसीटीवी कैमरे काम कर रहे
कहने को तो अस्पताल को मॉडल अस्पताल बनाने के लिए लाखों रुपये खर्च किए जाते हैं, लेकिन अस्पताल की सिक्योरिटी जीरो है। अस्पताल में सिक्योरिटी तैनात है, लेकिन उन्हें किसी से कोई मतलब नहीं होता। क्योंकि ज्यादातर सिक्योरिटी गार्ड की आयु 50 के ऊपर है। इसके अलावा अस्पताल की एमरजेंसी के अलावा वार्ड में कहीं भी सीसीटीवी कैमरे नहीं, जिससे चोरों के हौंसले बुलंद हैं।
ऐसी वारदातें रोकने का पूरा प्रयास: चौकी इंचार्ज
सिविल अस्पताल चौकी के इंचार्ज धरमिंदर शमर का कहना कहना है कि हमारा पूरा प्रयास होता है कि ऐसी वारदातें रोकी जाएं। हमने कई बार एसएमओ से अस्पताल के मेन गेट व बाकी जगह कैमरे लगाने व सिक्योरिटी सख्त करने के लिए कहा है। अगर अस्पताल हमारा साथ दे तो इसे रोका जा सकता है।
फंडी की कमी नहीं लग रहे कैमरे
सिविल अस्पताल के एसएमओ गीता कटारिया का कहना है कि फंड की कमी के कारण कैमरे लगाने का काम नहीं हो पा रहा। हम सिक्योरिटी गार्ड को सख्त हिदायतें देंगे कि आने जाने वालों पर नजर रखें। इसके साथ पुलिस को भी समय समय पर अस्पताल में गश्त करनी चाहिए।