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लुधियाना के शिक्षक जोड़े ने पेश की शानदार मिसाल, सरकारी स्कूल में करवाया बेटे का एडमीशन

लेक्चरर जतिंदर सिंह सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्मार्ट स्कूल ब्वॉयज में ही पढ़ाते हैं। उन्होंने बेटे जसकरण सिंह का अपने ही सरकारी स्कूल में प्लस-वन नान-मेडिकल ग्रुप में दाखिल करवाया है। मां राजविंदर कौर सरकारी प्राइमरी स्कूल टीचर हैं।

By Pankaj DwivediEdited By: Published: Wed, 21 Apr 2021 05:50 PM (IST)Updated: Wed, 21 Apr 2021 05:50 PM (IST)
लुधियाना के शिक्षक जोड़े ने पेश की शानदार मिसाल, सरकारी स्कूल में करवाया बेटे का एडमीशन
शिक्षक जतिंदर सिंह व राजविंदर कौर ने अपने बेटे जसकरण सिंह का दाखिला सरकारी स्मार्ट स्कूल में करवाया है।

जगराओं (लुधियाना), [बिंदु उप्पल]। यहां के एक शिक्षक जोड़े ने अपने बेटे का एडमीशन सरकारी स्मार्ट स्कूल में करवाकर लोगों के सामने बड़ी मिसाल पेश की है। सीनियर फिजिक्स लेक्चरर जतिंदर सिंह और शिक्षिका राजविंदर कौर ने अपने बेटे जसकरण सिंह का सरकारी स्मार्ट स्कूल ब्वॉयज में करवाया दाखिला है।

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जतिंदर सिंह सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्मार्ट स्कूल ब्वॉयज में ही पढ़ाते हैं। उन्होंने बेटे जसकरण सिंह का अपने ही सरकारी स्कूल में प्लस-वन नान-मेडिकल ग्रुप में दाखिल करवाया है। जसकरण ने प्राइवेट तेजस पब्लिक स्कूल से दसवीं पास की है। कोरोना महामारी के चलते सीबीएसई ने दसवीं की बोर्ड परीक्षा लेने के बजाए बच्चों को अगली कक्षा में प्रमोट कर दिया है।

अब प्राइवेट स्कूलों के बजाए सूबे में सरकारी स्मार्ट स्कूलों का बोलबाला है। यहां पर प्राइवेट स्कूलों की तरह बिल्डिंग निर्माण, सजावट व अन्य आधुनिक तकनीकी शिक्षा सुविधाएं उपलब्ध हैं। प्राइवेट स्कूलों की तुलना में सरकारी स्कूलों में अधिक अनुभवी व उच्चशिक्षित अध्यापक स्थायी रूप से पढ़ाते हैं। यहां पर विद्यार्थियों की रेगुलर पढ़ाई जारी रहती है।

जतिंदर सिंह ने कहा कि वह बेटे का अपने ही स्कूल में दाखिल करवाकर बहुत खुश हूं। उन्होंने कहा कि प्राइवेट स्कूलों में हरेक विषय के अध्यापक बदलते रहते हैं। इसका खामियाजा स्टूडेंट्स को उठाना पड़ता है।

जसकरण सिंह ने कहा कि उनका नाम ई-पंजाब में दर्ज हो गया है और उसकी आईडी बन गई है। जसकरण ने बताया कि प्राइवेट स्कूल में पढ़ने के साथ ट्यूशन पढ़ना पड़ता है। सेल्फ स्टडी का मौका नहीं मिलता था। इसलिए अब सरकारी स्कूलों में मिल रही आधुनिक तकनीकी शिक्षा सुविधाओं के साथ सेल्फ स्टडी कर अपने लक्ष्य पर आगे बढ़ने का अवसर मिलेगा। मां राजविंदर कौर सरकारी प्राइमरी स्कूल टीचर हैं। उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों से पढ़कर ही बच्चे एमबीबीएस व इंजीनियर की पढ़ाई कर रहे हैं।  सीबीएसई व पीएसईबी का सिलेबस एक है। बच्चे की कामयाबी का श्रेय किसी बोर्ड को नहीं बल्कि उसकी मेहनत को जाता है। इसलिए हमने बेटे का सरकारी स्कूल में दाखिल करवा दिया है। जसकरण सिंह ने बताया कि उसके तीन चार दोस्त और भी सरकारी स्कूल में दाखिला लेने वाले हैं।


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