धरने पर बैठे वकील, नहीं हो पाया ट्रैफिक चालान का भुगतान
जागरण संवाददाता, लुधियाना रीजनल ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी कार्यालय में अलग काउंटर व्यवस्था की मांग
जागरण संवाददाता, लुधियाना
रीजनल ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी कार्यालय में अलग काउंटर व्यवस्था की मांग कर रहे वकीलों ने बुधवार को प्रदर्शन किया। इसके चलते कार्यालय में ट्रैफिक चालान का भुगतान नहीं हो पाया। सेक्रेटरी रीजनल ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी के अवकाश पर होने के चलते एडिशनल ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी सचिव त्रिलोचन सिंह सहोता ने वकीलों से बातचीत की पर वे अपनी मांग पर अड़े रहे जिसके चलते काउंटर पर पूरा दिन काम प्रभावित रहा। चालान भुगतान करने आए आवेदकों ने असिस्टेंट कमिश्नर जीए टू डीसी अम¨रदर मल्ली से काम शुरू करवाने की गुहार लगाई। इसके बाद डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन के कार्यकारी अध्यक्ष हरजोत सिंह हरीके, त्रिलोचन सिंह सहोता व अम¨रदर मल्ली की मीटिंग हुई। इसके बाद भी काउंटर पर काम शुरू नहीं हो पाया। कामकाज छोड़कर ट्रैफिक चालान का भुगतान करने पहुंचे आवेदकों को बिना काम करवाए ही वापस लौटना पड़ा।
5 आवेदकों के बाद एक वकील का फॉर्मूला फेल
दरअसल, ट्रैफिक चालान भुगतान के लिए मौखिक आदेश के चलते प्रति वकील पांच चालान भुगतान का कोटा कई वर्षो से फिक्स है। स्टाफ की कमी के चलते आरटीए कार्यालय ने ट्रैफिक चालान भुगतान के लिये लगे दो काउंटरों में से एक काउंटर हटा दिया। अब प्रतिदिन करीब 40 वकील चालान भुगतान के लिए पहुंच जाते हैं जिसके चलते कतार में खड़े आवेदकों को घंटों लाइन में गुजारने के बाद भी काम नहीं हो पाता। इस पर सेक्रेटरी आरटीए ने फार्मूला निकाला कि पांच आवेदकों के बाद एक वकील का नंबर आएगा। एक दिन की प्रक्रिया के बाद वकीलों ने इसे भी खारिज कर दिया। जिसके चलते मामला और गर्म हो गया। बुधवार को वकीलों ने ट्रैफिक चालान भुगतान काउंटर के सामने ही धरना लगा दिया।
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आवेदकों की परेशानी, उन्हीं की जुबानी
पांच दिनों से आ रहा हूं
पांच दिनों से ट्रैफिक चालान के भुगतान के लिए आ रहा हूं। आज वकील धरने पर बैठ गए जिसके चलते काम ही शुरू नहीं हो पाया। एक बजे काउंटर बंद हो जाता है। पब्लिक पहले से ही परेशान है ऊपर से आज काउंटर पर काम रुकवा दिया।
मो¨हदर सिंह, आवेदक
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बाइक थाने में बंद है
अगस्त में चालान हुआ था। जिसका भुगतान पेंडिंग है। 12 नवंबर को फिर से चालान हुआ तो बाइक थाने में बंद हो गई। आज चालान काउंटर से दस्तावेज लेने आया तो वकीलों ने धरना लगाकर काउंटर ही नहीं खुलने दिया।
रोशन गिरी, आवेदक
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वकीलों के धरने की वजह से ट्रैफिक चालान भुगतान नहीं हो पाए। वह अलग काउंटर की मांग कर रहे हैं पर हमारे पास स्टाफ ही नहीं है। मजबूरी में एक ही काउंटर चल पा रहा है। इनके पास ज्यादा चालान होने से कतार में लगी पब्लिक परेशान होती है।
त्रिलोचन सिंह सहोता, एडिशनल सेक्रेटरी, आरटीए
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चालान भुगतान से वकीलों को रोका नहीं जाता। यह उनका संवैधानिक अधिकार है। कितने चालान वह भुगत सकते हैं इस पर कोई बंदिश भी नहीं लगानी चाहिए। हमने किसी को काउंटर खोलने से नहीं रोका। कर्मचारी खुद ही अपनी सीटों पर नहीं आए।
हरजोत सिंह हरीके, कार्यकारी अध्यक्ष जिला बार एसोसिएशन