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मुनि भूपेंद्र कुमार ने बनाया शरद पूर्णिमा का महत्व

शरद पूर्णिमा का बहुत बड़ा महत्व बताया गया है। खगोलीय शास्त्र में इसका बहुत बड़ा वर्णन आता है। जब शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रमा की वह चांदनी सबके जीवन को एक नई शांति की अनुभूति कराने वाली बन जाती है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 20 Oct 2021 07:56 PM (IST)Updated: Wed, 20 Oct 2021 07:56 PM (IST)
मुनि भूपेंद्र कुमार ने बनाया शरद पूर्णिमा का महत्व
मुनि भूपेंद्र कुमार ने बनाया शरद पूर्णिमा का महत्व

संस, लुधियाना : शरद पूर्णिमा का बहुत बड़ा महत्व बताया गया है। खगोलीय शास्त्र में इसका बहुत बड़ा वर्णन आता है। जब शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रमा की वह चांदनी सबके जीवन को एक नई शांति की अनुभूति कराने वाली बन जाती है। ये बात शरद पूर्णिमा की विशेषताओं का प्रतिपादन करते हुए तुलसी कल्याण केंद्र के प्रांगण में आयोजित सभा में मुनि भूपेंद्र कुमार ने व्यक्त किए। उन्होंने आगे कहा कि आयुर्वेद की दृष्टि से भी शरद पूर्णिमा का सर्वोत्तम स्थान है। आयुर्वेद के अंदर तो यह बताया गया है। शरद पूर्णिमा हमारे शरीर की बीमारियों को दूर करने वाली बन जाती है। शरद पूर्णिमा के दिन जब सूर्य अस्त होता है। चंद्रमा का उदय होता है और उस समय यदि व्यक्ति दूध है शक्कर है और चावल को मिलाकर खीर बनाकर छत के ऊपर रखकर यदि मलमल के कपड़े सेठ अंक देता है। उसके सामने बैठकर रात्रि के समय अपने इष्ट मंत्र का जाप करना प्रारंभ कर देता है। उसके प्रभाव से वह खीर है। औषधि के रूप में प्रगट हो जाती है। इसलिए शरद पूर्णिमा और भी ज्यादा महत्वपूर्ण बन जाती है। हमारा जीवन है। वह शरद पूर्णिमा की तरह सब के जीवन को नई चांदनी और नई शांति प्रदान करने वाला बनेगा। तब ही शरद पूर्णिमा का यह महान दिन हमारे जीवन के अंदर पूर्णा पूर्णता की ओर आगे ले जाने वाला बन सकेगा। इस दौरान मुनि पदम कुमार ने गीत गायन से सभा का समां बांधा।

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