निदा करना और सुनना महापाप है: साध्वी संचिता
तपचंद्रिका श्रमणी गौरव सरलमना महासाध्वी श्री वीणा जी महाराज सा. ठाणे-5 एसएस जैन स्थानक सिविल लाइंस में सुखसाता विराजमान हैं। इस अवसर पर साध्वी रत्न संचिता जी महाराज ने श्रावक-श्राविकाओं को कहा कि दुर्जन मनुष्यों को निदा करने और निदा सुनने में बड़ा रस आता है।
संस, लुधियाना : तपचंद्रिका श्रमणी गौरव सरलमना महासाध्वी श्री वीणा जी महाराज सा. ठाणे-5 एसएस जैन स्थानक सिविल लाइंस में सुखसाता विराजमान हैं। इस अवसर पर साध्वी रत्न संचिता जी महाराज ने श्रावक-श्राविकाओं को कहा कि दुर्जन मनुष्यों को निदा करने और निदा सुनने में बड़ा रस आता है। वीतराग भगवान महावीर की वाणी है, जो भी व्यक्ति जिस किसी की निदा करता है समझो वो मनुष्य उसकी पीठ का मांस खाता है।
उन्होंने कहा कि निदा हमारी आत्मा को दुर्गति में प्रवेश कराती है। महापुरुषों ने कहा कि अगर निदा ही सुननी है, करनी है, तो फिर यों करे अपने कान पर ऊपर लिखें, डस्टबिन और नीचे प्लीज यूज मी । निदा करना ऐसा लिख दो फिर तो सारा का सारा ये अनमोल जीवन पत्तन के गर्त में चला जाएगा। उन्होंने आगे कहा कि इसलिए महान आत्माओं ने फरमाया है कि निदा करना और निदा सुनना महापाप है। निदा और निद्रा से जितना दूर रहें उतना अच्छा है। इस अवसर पर चातुर्मास कमेटी चेयरमैन जितेंद्र जैन श्रमण जी यार्न, सभाध्यक्ष अरिदमन जैन, सीनियर उपाध्यक्ष सुभाष जैन महावीर, महामंत्री प्रमोद जैन, कोषाध्यक्ष रजनीश जैन गोल्ड स्टार सहित समस्त कार्यकारिणी सदस्यगण शामिल थे।