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उधार की जिंदगी ने सभी को बेईमान बना दिया : गुरुदेव रमेश मुनि

एसएस जैन स्थानक 39 सेक्टर में रमेश मुनि ठाणा-3 सुखसाता विराजमान हैं।

By JagranEdited By: Published: Wed, 23 Sep 2020 03:05 AM (IST)Updated: Wed, 23 Sep 2020 03:05 AM (IST)
उधार की जिंदगी ने सभी को बेईमान बना दिया : गुरुदेव रमेश मुनि
उधार की जिंदगी ने सभी को बेईमान बना दिया : गुरुदेव रमेश मुनि

संस, लुधियाना : एसएस जैन स्थानक 39 सेक्टर में रमेश मुनि ठाणा-3 सुखसाता विराजमान हैं। गुरुदेव रमेश मुनि ने कहा कि कौन बड़ा है लक्ष्मी या भाग्य। लक्ष्मी दो प्रकार की होती है, द्रव्य लक्ष्मी व भाव लक्ष्मी। द्रव्य लक्ष्मी का अर्थ धन होता है तो भाव लक्ष्मी का अर्थ है मन की प्रसन्नता और उदारता। गृहस्थ हेतु पैसा आवश्यक होता है, पर सोचो पैसा कुछ है, सब कुछ नहीं है। पैसे को साधना मानो, साध्य मत मानो। महाराज श्री ने लक्ष्मी को टिकाने के उपाय बताएं। जिस घर में दया दान होता है, उस घर में लक्ष्मी स्थिर हो जाती है। अरे दान से तो घर की शुद्धि होती है। अन्याय का पैसा हमेशा बुरे विचार लेकर आता है। पैसा या तो बीमारी में चला जाता है या कोर्ट कचहरी में। समय से पहले भाग्य पुरुषार्थ से ज्यादा कुछ नहीं मिलता। बिना निराशा व हताशा के पुरुषार्थ करते रहो। पर आज उधार की जिदगी ने सभी कुछ बेईमान बना दिया है। कल तक जिदगी मौन से चलती थी, आज लोन में चल रही है। माल घर पर ले आओ और किश्तें चुकाते रहो। टीवी, फ्रिज, वॉशिंग मशीन, एसी कार आदि भौतिक वस्तुओं से घर भर गया। पूछो अब सुख भोग रहे हो। बोले नहीं तो, किस्तें चुका रहा हूं और किश्तें चुकाते-चुकाते एक दिन आदमी खुद चला जाता है। गुरुदेव ने बताया कि भाग्य कैसे चमकता है। पुण्य के बीज बोते रहो, नीयत ऊंची रखो, इज्जत के साथी बनो, गिरते को गिराओ न। उन्होंने सभी लोगों को प्रभु की भक्ति करने के लिए प्रेरित किया।

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