मन के दास नहीं, स्वामी बनें : डा. राजेंद्र मुनि
एसएस जैन स्थानक अग्र नगर के तत्वाधान में श्रमण संघीय प्रवर्तक डा. राजेंद्र मुनि ने दुख का मूल कारण इंद्रियों व मन को वश में न रखना बनाया।
संस, लुधियाना : एसएस जैन स्थानक अग्र नगर के तत्वाधान में श्रमण संघीय प्रवर्तक डा. राजेंद्र मुनि ने दुख का मूल कारण इंद्रियों व मन को वश में न रखना बनाया।
उन्होंने कहा कि इनको मानव अपने वश में रख ले तो वह संसार में कभी दुखी नहीं हो सकता। हमारा मन हमारे को गुलाम बना देता है। हम उसके अधीन बनकर जीवन भर तनाव में रहते है। आवश्यकता है मन के दास न बनकर स्वामी बन कर जीने की। प्राय: इंसान गलत सुनना, देखना सूंघना, खाना व शरीर का गलत उपयोग करना ही अपनी जीवन चर्चा मानने लगा है। इन्हीं से अनेकानेक रोग व संघर्ष पनपने लगते है। अगर इन का सही उपयोग करना सीख जाए तो नर सदा सुखी बन जाता है। हमारे महापुरुषों ने इनको जीतकर संसार को जीत लिया। इसके विपरीत सिकंदर जैसा राजा दुनियां को जीतकर भी हार गया।