जप-तप और धर्म-ध्यान का पर्व है चातुर्मास : महासाध्वी मुक्ता
एसएस जैन स्थानक सभा 39 सेक्टर के तत्वाधान में शुक्रवार को प्रारंभ हुए चातुर्मास सभा में महासाध्वी श्री मुक्ता जी महाराज ने फरमाया कि चातुर्मास चार महीने साधु -साध्वी को एक स्थान पर रहने का नाम दिया गया है। साधु के नौ कल्पी विहार होते हैं एवं साध्वी के पांच कल्पी विहार शास्त्रों में फरमाए गए हैं।
संस, लुधियाना : एसएस जैन स्थानक सभा 39 सेक्टर के तत्वाधान में शुक्रवार को प्रारंभ हुए चातुर्मास सभा में महासाध्वी श्री मुक्ता जी महाराज ने फरमाया कि चातुर्मास चार महीने साधु -साध्वी को एक स्थान पर रहने का नाम दिया गया है। साधु के नौ कल्पी विहार होते हैं एवं साध्वी के पांच कल्पी विहार शास्त्रों में फरमाए गए हैं। वर्षा ऋतु प्रारंभ होने पर सभी साध्वी साधु चार महीने तक एक स्थान पर इसीलिए भी रहते हैं कि वर्षा अधिक होने से जीवो की उत्पत्ति होती है। उन जीवो की रक्षा की जा सके एवं चार महीने क्षेत्र निवासियों को जप तप व धर्म ध्यान त्याग नियम पचख्यान करने की प्रेरणा मिले। इस अवसर पर सभा के चेयरमैन देवराज जैन, प्रधानविनोद जैन, उपप्रधान संदीप जैन ,महामंत्री नितिन जैन, अनूप जैन कैशियर, संजीव जैन, अनिल जैन, अभय जैन आदि एवं चंदना संघ के प्रधान ऋचा जैन, बबीता जैन, निधि जैन, सुषमा जैन एवं अन्य सदस्य और वर्तमान युवक मंडल के प्रधान नवल जैन रजनीश जैन, समीर जैन, मनीष जैन आदि सदस्य उपस्थित थे।