आचारनिष्ठ व्यक्ति दूसरों पर अमिट छाप छोड़ता है : मुनि पीयूष
संस, लुधियाना सिविल लाइंस जैन स्थानक में उप-प्रवर्तक पीयूष मुनि म. ने चातुर्मास की विशेष दैनिक
संस, लुधियाना
सिविल लाइंस जैन स्थानक में उप-प्रवर्तक पीयूष मुनि म. ने चातुर्मास की विशेष दैनिक प्रवचन सभा में कहा कि जिसकी आदि है, उसके साथ अंत भी जुड़ता है। मिलना बिछुड़ने में तबदील होता है। उत्थान पतन में बदल जाते हैं और जीवन का अन्त मृत्यु के साथ होता है। विशेषता तो रहने में ही रहती है। कोई भी व्यक्ति किसी स्थान पर अपने प्रवास के दौरान दूरगामी प्रभाव रखने वाला होता है। विचारों का प्रभाव क्षणिक और अस्थायी होता है। आचार का प्रभाव ठोस और व्यापक होता है। आचारनिष्ठ व्यक्ति दूसरों पर अपनी अमिट छाप छोड़ता है।
उन्होंने महानगर चातुर्मास द्वारा हुई धर्म प्रभावना पर संतोष प्रकट करते हुए श्रद्धालुओं की धर्म भावना के लिए उन्हें आशीर्वाद देते हुए धार्मिक प्रेरणा दी। मुनि श्री ने धर्म भूमि की सराहना करते हुए अपने दादा गुरु आचार्य सम्राट श्री आत्मा राम महाराज का स्मरण किया। जिन्होंने पैंतालीस वर्षो तक अपनी पावन उपस्थिति से श्रद्धालुओं को निहाल करते हुए सभी का मार्गदर्शन किया। उन्होंने अपने धर्म परिवार के महान संतों पंजाब प्रवर्तक उपाध्याय फूलचंद महाराज और भोले बावा रत्न मुनि म. के उपकारों के प्रति कृतज्ञता प्रकट की। विशेष रूप से अपने गुरुदेव राष्ट्रसंत वाचनाचार्य मनोहर मुनि म. की दीक्षा भूमि, साधना भूमि और ज्ञान प्राप्ति भूमि होने के कारण महानगर के साथ अपने आत्मिक जुड़ाव का उल्लेख किया। उन्होंने चातुर्मास की सर्वतोमुखी सफलता के लिए चातुर्मास समिति चेयरमैन रजनीश जैन गोल्ड स्टार, प्रधान सुरेश जैन, महामंत्री अरुण जैन, कोषाध्यक्ष वीरेंद्र जैन के तन, मन, धन से दिए सहयोग की चर्चा की। इस अवसर पर प्रियंका जैन, रश्मि जैन, नीतिका जैन, नरेश जैन, साहिल जैन, विनेश जैन, निर्मला जैन, साक्षी जैन, गीतू जैन, रजनी जैन, त्रिशला जैन आदि ने सुंदर विदाई गीत प्रस्तुत कर अपनी भावनाएं प्रकट की। मंच संचालन महामंत्री प्रमोद जैन ने किया। मानव रत्न रामकुमार जैन ने चातुर्मास को हर दृष्टि से ऐतिहासिक बताते हुए इसकी कामयाबी को इतिहास के पन्नों में दर्ज करने योग्य बताया।