विनय से होती है ज्ञान की प्राप्ति : यशा ज्योति
एस एस जैन सभा अग्र नगर के तत्वावधान में प्रवचन प्रभाविका श्री यशा ज्योति म. ने कहा कि कर दे और दूर प्रभु मेरे मन का अंधेरा है, जब से तेरी लगन लगी हुआ दिल से सवेरा है।
संस, लुधियाना : एस एस जैन सभा अग्र नगर के तत्वावधान में प्रवचन प्रभाविका श्री यशा ज्योति म. ने कहा कि कर दे और दूर प्रभु मेरे मन का अंधेरा है, जब से तेरी लगन लगी हुआ दिल से सवेरा है। प्रभु ने विनीत और अविनीत के बारे में कहा कि विनीत हर जगह आदर प्राप्त करता है। अविनीत हर जगह अनादर का पात्र बनता है। विनय से ज्ञान की प्राप्ति होती है।
साध्वी श्री म. ने कहा कि जब व्यक्ति में पूर्ण रूप से विनय आ जाती है तो वो झुकता है। जब एक शिष्य में विनय आती है तो वो गुरु के इशारे को ही समझ लेता है। वहीं शिष्य विनयवान होता है। उस शिष्य में विनय के गुण भरे होते हैं। विनय एक बहुत बड़ी उपलब्धि है। विनय में बहुत बड़ा राज छिपा है। हमेशा विनयी बनकर रहो। विनय धर्म का मूल है। आप मूल को जानो, मूल को पहचानो, मूल को पहचानने की दृष्टि रखो। मूल को जब पहचान जाओगे तो सब अपने आप ही पता चल जाएगा। जब जीवन में विनय आ जाएगी तो हमारा अहंकार हमारा अहं गल जाएगा। इस अवसर पर प्रधान बलविंदर जैन, डीजे जैन, नरेश जैन शारु, सुमित जैन, सुभाष जैन, महेंद्र जैन आत्म व्हील्स, पुरुषोत्तम जैन, विनोद जैन, विजय जैन, शंटी जैन, नरेश जैन, कुसुम जैन, रेणु जैन, चंचल जैन, मधु जैन, संतोष जेन, अनिता जैन आदि उपस्थित थे।