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लाखों मीट्रिक टन राशन की खपत, भूखे रह गए कार्ड धारक

डीएल डॉन, लुधियाना जन वितरण प्रणाली के अधीन बांटे जा रहे राशन लोगों तक नहीं पहुंचने

By JagranEdited By: Published: Wed, 13 Dec 2017 03:00 AM (IST)Updated: Wed, 13 Dec 2017 03:00 AM (IST)
लाखों मीट्रिक टन राशन की खपत, भूखे रह गए कार्ड धारक
लाखों मीट्रिक टन राशन की खपत, भूखे रह गए कार्ड धारक

डीएल डॉन, लुधियाना

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जन वितरण प्रणाली के अधीन बांटे जा रहे राशन लोगों तक नहीं पहुंचने से सैंकड़ों परिवार भूखमरी के कगार पर पहुंच गए हैं। इस तरह से केंद्र सरकार की गरीबी उन्मूलन योजना पर लोग सवालिया निशान लगा रहा है। जिले में कुल 143244 नीले कार्ड पर हर माह करीब 300 मीट्रिक टन राशन वितरण किया जा रहा है। जबकि हजारों कार्ड धारकों का आरोप है कि उन्हें राशन नहीं मिल रहा है। फूड सप्लाई विभाग के रिकॉर्ड के मुताबिक जिले में कुल 135244 नीले कार्ड धारक हैं। जिला फूड सप्लाई अधिकारी का दावा है कि हर ब्लॉक में डिपुओं के माध्यम से राशन वितरण किया गया। जिन कार्ड धारकों को राशन नहीं मिला वह समय पर राशन लेने जाते ही नहीं है।

नया कार्ड बनवाने में जुटे लोग

जिन कार्ड धारकों का कार्ड ठीक नहीं हो पाया वे कार्ड धारक नया कार्ड बनवाने के लिए जगह-जगह दौड़ रहे हैं। इन दिनों लोहारा में कार्ड बनवाने का दावा हो रहा है तो गरीब परिवारों की महिलाएं वहां जाकर कार्ड बनवाने में जुटी है, ताकि उनके परिवार को राशन मिल सके।

कागजों में हो गया कार्ड का सर्वे

कार्ड गड़बड़ी को लेकर सरकार ने डीसी को निर्देश दिया कि कार्ड का सर्वे करवा कर गरीब परिवारों तक राशन पहुंचाने का प्रबंध करें लेकिन सरकार का निर्देश कर्मचारियों ने फाइलों में बंद कर कागजों में सर्वे पुख्ता कर दिया। छह माह पूर्व डीसी ने एसडीएम के अधीन टीम तैयार करवा सर्वे का निर्देश दिए कि टीम में तहसीलदार, पंचायत सचिव व जिला फूड सप्लाई विभाग के इंस्पेक्टर शामिल कर नीले कार्ड का सर्वे करवाए ताकि गरीब परिवारों का नीला राशन कार्ड को सही कर उन्हें राशन देने की व्यवस्था हो सके। वहीं जिले के सभी ब्लॉक से विरोध हो रहा है कि सर्वे पर किसी ने काम नहीं किया जिससे राशन वितरण अभी भी गड़बड़ी हो रहा है।

कम्प्यूटराइज राशन घोटाला

कार्ड धारक जसवीर कौर, अमरप्रीत कौर जागीर कौर, संगीता देवी, शीला, ललीता, सीमा, सुशीला राधा देवी ने आरोप लगाया कि उनके कार्ड व आधार कार्ड का कम्प्यूटराइज एंट्री में हेराफेरी हुई जिससे उन्हें कंज्यूमर ही नहीं माना जा रहा है। उन्होंने मांग किया कि जिला फूड सप्लाई विभाग कंम्प्यूटर गड़बड़ी को ठीक करें ताकि गरीब परिवारों का पेट भर सके। इस संबंध में जिला फूड सप्लाई अधिकारी राकेश भास्कर से बात करने पर उन्होंने कहा कि सर्वे कर सभी कार्डो को सत्यापित किया गया। अगर किन्हीं कार्ड धारक को दिक्कत है तो वह डी जोन ऑफिस में समस्या का हल करवा सकते हैं।


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