Move to Jagran APP

फायर सेफ्टी नियमों का खुलेआम हो रहा उल्लंघन, पावर न हाेने से अफसर नहीं कर रहे कार्रवाई

हालात यह हैं कि जो लोग फायर सेफ्टी नियमों का पालन नहीं करते हैं उनके खिलाफ स्थानीय स्तर पर कार्रवाई करने का अधिकार किसी भी अफसर के पास नहीं है।

By Edited By: Published: Sat, 01 Jun 2019 06:10 AM (IST)Updated: Sat, 01 Jun 2019 10:55 AM (IST)
फायर सेफ्टी नियमों का खुलेआम हो रहा उल्लंघन, पावर न हाेने से अफसर नहीं कर रहे कार्रवाई
फायर सेफ्टी नियमों का खुलेआम हो रहा उल्लंघन, पावर न हाेने से अफसर नहीं कर रहे कार्रवाई

जेएनएन, लुधियाना। शहर में आगजनी की घटनाओं पर लगाम लगाने में सूबे की सरकार पूरी तरह से नाकाम है। सरकार ने 15 साल पहले पंजाब फायर प्रिवेंशन एंड फायर सेफ्टी एक्ट बनाया था, लेकिन अभी तक वह एक्ट फाइल से बाहर नहीं निकला। हालात यह हैं कि जो लोग फायर सेफ्टी नियमों का पालन नहीं करते हैं उनके खिलाफ स्थानीय स्तर पर कार्रवाई करने का अधिकार किसी भी अफसर के पास नहीं है। अफसरों के पास कार्रवाई का अधिकार नहीं है इसलिए वह भी इमारतों में फायर सेफ्टी नियमों की जांच नहीं करते हैं, जिस वजह से लोग फायर सेफ्टी नियमों का खुलेआम उल्लंघन करते हैं और अफसर हाथ पर हाथ धरे बैठे रहते हैं।

loksabha election banner

पंजाब सरकार के उदासीन रवैये के कारण ही हजारों जिंदगियां खतरे में हैं। पंजाब सरकार ने पंजाब फायर प्रिवेंशन एंड फायर सेफ्टी एक्ट 2004 में बनाया था। एक्ट के मुताबिक घरेलू इमारतों को छोड़कर हर तरह की इमारतों को फायर सेफ्टी के इंतजाम करने जरूरी थे और स्थानीय स्तर पर भी अफसरों को नियमों का उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई की पावर की बात कही गई थी, लेकिन 2004 से अब तक यह एक्ट स्थानीय निकाय विभाग के डायरेक्टर के दफ्तर की फाइलों में धूल फांक रहा है।

लुधियाना शहर की बात करें तो अभी तक फायर सेफ्टी इंतजाम पूरे न होने पर इमारतों को सील करना तो दूर एक भी इमारत का चालान तक नहीं काटा गया। अफसरों की मानें तो वह समय-समय पर बड़ी इमारतों में फायर सेफ्टी नियमों की जांच करते हैं, लेकिन इस जांच का भी कोई लाभ नहीं होता। जहां पर कमियां पाई जाती हैं वहां लोगों को फायर सेफ्टी नियमों को पूरा करने के लिए जरूर कहा जाता है।

हर साल लेते हैं फायर एनओसी

शहर के शिक्षण संस्थान हों या फिर इंडस्ट्री हर साल फायर ब्रिगेड से एनओसी लेते हैं। एनओसी लेते वक्त आवेदक को दिखाना होता है कि उन्होंने अपनी इमारतों में अग्निशमन के सभी यंत्र लगाए हैं। इसकी पुष्टि के लिए उन्हें बाकायदा आवेदन के साथ अग्निशमन यंत्र खरीदे जाने के बिल भी लगाने होते हैं। आवेदक कागजी कार्रवाई पूरी करके आवेदन कर लेते हैं। एडिशनल फायर डिवीजनल अफसर को एनओसी देने से पहले इमारत की जांच करवानी होती है, लेकिन स्टाफ कम होने की वजह से कुछ आवेदनों को छोड़ ज्यादातर की जांच नहीं होती और अफसर बिना जांच के ही फायर एनओसी जारी कर देते हैं।

अब तक शहर में हुई आगजनी की बड़ी घटनाएं

मई 2017: सूफियां चौक में एक फैक्टरी को आग लगी, जिसमें चार फायर कर्मी झुलसे।

नवंबर 2017: सूफियां चौक में चार मंजिला प्लास्टिक फैक्टरी को आग लगी, जिसमें 12 लोगों की मौत हुई। जनवरी 2018: काकोवाल में कपड़ा फैक्ट्री को लगी थी भीषण आग

मई 2018: बिंद्रा कॉलोनी में चार मंजिला फैक्टरी को लगी आग

अक्टूबर 2018: दोराहा स्थित टच बीयर बार और रेस्टोरेंट में लगी आग। दो की जानें गई।

अक्टूबर 2018: कल्याण गंज में होजरी को लगी। चार लोगों की गई थी जान।

फरवरी 2019: चोपड़ा ऑटो पा‌र्ट्स फैक्ट्री फोकल प्वाइंट में लगी आग, दो फायर कर्मी घायल हुए।

मई 2019: बहादुर के रोड जेएन होजरी में लगी आग।

मई 2019: फोकल प्वाइंट फेज चार में केमिकल से भरे टैंकर को आग लगी और उसके बाद तीन फैक्ट्रियों में लगी आग।

मई 2019: डाबा रोड पर साइकिल पा‌र्ट्स फैक्ट्री में लगी आग।

किसी भी अधिकारी के पास कोई पावर नहीं

लुधियाना के एडिशनल डिवीजनल फायद अफसर भूपिंदर सिंह संधू का कहना है कि  2004 में बने एक्ट को अभी लागू नहीं किया गया। अभी तक स्थानीय स्तर पर किसी भी अधिकारी के पास कार्रवाई की पावर नहीं है। हम समय-समय पर जांच करते हैं और रिपोर्ट विभाग को भेजते हैं, लेकिन अभी तक लुधियाना में किसी भी इमारत का चालान नहीं हुआ और न ही किसी की सीलिंग हुई।

हरियाणा की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

पंजाब की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.