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एनजीटी की मानिटरिंग के बाद बुड्ढा दरिया के किनारे दौड़ते दिखे PPCB अफसर, जानें क्या है मामला

बुड्ढा दरिया के जरिए सतलुज दरिया में प्रदूषण फैलाने के मामले को पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अफसर अब तक हल्के में ले रहे थे।

By Edited By: Published: Sat, 04 May 2019 08:00 AM (IST)Updated: Sat, 04 May 2019 02:07 PM (IST)
एनजीटी की मानिटरिंग के बाद बुड्ढा दरिया के किनारे दौड़ते दिखे PPCB अफसर, जानें क्या है मामला
एनजीटी की मानिटरिंग के बाद बुड्ढा दरिया के किनारे दौड़ते दिखे PPCB अफसर, जानें क्या है मामला

जेएनएन, लुधियाना। बुड्ढा दरिया के जरिये सतलुज दरिया में प्रदूषण फैलाने के मामले को पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अफसर अब तक हल्के में ले रहे थे। जब भी अफसरों से जवाब-तलबी होती तो वह पूरा ठीकरा निगम पर फोड़ देते, लेकिन नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की मॉनिटरिंग कमेटी की सख्ती के बाद अब पीपीसीबी के अफसरों के हलक सूखने लगे हैं। बुड्ढा दरिया में हो रहे प्रदूषण पर मॉनिटरिंग कमेटी ने दो दिन पूर्व अफसरों की क्लास लगाई तो शुक्रवार को पीपीसीबी के आला अफसर बुड्ढा दरिया के किनारे दौड़ते रहे और अलग-अलग जगहों पर कार्रवाई करने लगे।

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एनजीटी कमेटी ने ताजपुर रोड पर जो एक पाइप पकड़ा था, जिसमें से पानी दरिया में गिराया जा रहा था पीपीसीबी के अफसर पूरे दिन उसकी जांच में जुटे रहे। इसके लिए पीपीसीबी अफसरों ने ताजपुर रोड की डाइंग यूनिट्स भी खंगाली। वहीं पीपीसीबी की अलग-अलग टीमों ने बलीपुर व आसपास के गांवों में अंडरग्राउंड वाटर के 9 सैंपल लिए। वहीं दूसरी तरफ डाइंगों की जांच भी की।

जांच के दौरान पीपीसीबी ने एक डाइंग यूनिट का कनेक्शन भी काटा। एनजीटी की टीम एक मई को बुड्ढा दरिया में फैल रहे प्रदूषण की जांच के लिए लुधियाना आई थी। उस दिन डाइंग इकाइयों में छुट्टी थी, जिस वजह से उनकी तरफ से सीवरेज के जरिए दरिया में गिराया जा रहा केमिकल युक्त पानी किसी की नजर में नहीं आया। इसी दौरान ताजपुर रोड पर एक संदिग्ध पाइप मिला था, जिसकी जांच के लिए शुक्रवार को पीपीसीबी के अफसर ताजपुर रोड पर बुड्ढा दरिया के किनारे पहुंचे।

पीपीसीबी अब जांच में जुटी है कि इस पाइप में कहां से पानी आ रहा है। इसके अलावा इसमें सिर्फ डाइंगों का पानी ही है या फिर कोई और तरह का पानी भी छोड़ा जा रहा है। इसकी जांच के लिए पीपीसीबी के अफसरों ने दोपहर बाद डाइंग यूनिटों को भी खंगाला। हालांकि अभी तक अफसर इस नतीजे पर नहीं पहुंच सके कि पाइप में कहां से पानी आ रहा है। इसके अलावा पीपीसीबी के अफसरों की एक टीम बुड्ढा दरिया के किनारे बारनहाड़ा, बलीपुर कलां व गौंसपुर पहुंची। टीम ने बारनहाड़ा से अंडर ग्राउंड वाटर के तीन, बलीपुर से तीन और गौंसपुर से तीन सैंपल लिए। पीपीसीबी ने कम गहराई से पांच और ज्यादा गहराई वाले पानी के चार सैंपल लिए।

डाइंग उद्यमियों पर जमीन के अंदर केमिकल युक्त पानी गिराने का लगता है आरोप

डाइंग उद्यमियों पर बार-बार यह भी आरोप लगते रहे हैं कि वह केमिकल युक्त पानी को ट्रीट करने के बजाय बोर करके सीधे जमीन के अंदर डालते हैं, जिस वजह से अंडरग्राउंड वाटर भी प्रदूषित हो रहा है। इसके अलावा यह बात भी बार-बार सामने आती रही है कि बुड्ढा दरिया का गंदा पानी भी जमीन के नीचे रिसकर पानी को गंदा कर रहा है।

12 मई को मॉनिटरिंग कमेटी फिर लेगी अफसरों की क्लास

एक मई को एनजीटी मॉनिटरिंग कमेटी के चेयरमैन रिटायर जस्टिस प्रीतमपाल ने साफ कर दिया था कि दो मई से 11 मई तक अफसरों ने दरिया की सफाई के लिए क्या-क्या किया है इसकी रिपोर्ट पर 12 मई को चंडीगढ़ में होने वाली बैठक में रिव्यू किया जाएगा। पीपीसीबी के अफसरों ने 12 मई को होने वाली बैठक में रिपोर्ट पेश करने के लिए कार्रवाई शुरू कर दी। यही नहीं अफसर अब दरिया में प्रदूषण रोकने के लिए प्लानिंग भी कर रहे हैं।

पीपीसीबी ने दरिया के किनारे अलग-अलग जगहों पर अंडर ग्राउंड वाटर की सैंपलिंग की है। कुल नौ सैंपल लिए गए हैं। इसके अलावा संदिग्ध पाइप की जांच भी की जा रही है। अभी मामले की जांच चल रही है। इसलिए इस मामले में ज्यादा नहीं बताया जा सकता।

-गुलशन राय, चीफ इंजीनियर, पीपीसीबी, लुधियाना।

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