जयपुर के डाक्टरों के नाम पर तस्कर प्रेम रतन काटता था बिल, करोड़ों की नशीली दवाओं के मामले में बड़ा खुलासा
लुधियाना के पुलिस कमिश्नर राकेश अग्रवाल के अनुसार जयपुर का प्रेम रतन नशे का मुख्य तस्कर है। वही दवाओं की सप्लाई करता था। पूछताछ में प्रेम रतन ने बताया कि बद्दी की एक दवा फैक्ट्री के सीनियर अधिकारियों के साथ मिलकर जाली बिल और बैच नंबर पर माल मंगवाता था।
लुधियाना, जेएनएन। थाना डेहलों पुलिस नशे की दवाओं की तस्करी का नेटवर्क पूरी तरह तोड़ने में जुट गई है। दो दिन पहले राजस्थान के जयपुर में की गई छापेमारी के दौरान बरामद छह करोड़ रुपये की नशे की दवाओं की दूसरी खेप पुलिस महानगर ले आई है। इससे पहले पुलिस ने जयपुर में रेड डाल चार करोड़ की नशीली दवाएं बरामद की थीं।
पुलिस कमिश्नर राकेश अग्रवाल ने बताया कि जयपुर के सीकर रोड का प्रेम रतन इन दवाओं का मुख्य तस्कर है। हिमाचल के बद्दी स्थित एक फैक्ट्री से ये दवाएं मंगवाने के तार जुड़े थे। पूछताछ में प्रेम रतन ने बताया है कि नशीली दवाएं बनाने के लिए वह बद्दी स्थित एक दवा फैक्ट्री के सीनियर अधिकारियों के साथ मिलकर जाली बिल और बैच नंबर पर माल मंगवाता था।
फिर, अपने नौकर वरिंदर सिंह उर्फ रिंकू के साथ मिलकर जयपुर में लीज पर लिए बेसमेंट गोदाम में छिपा लेता था। वहां से वह जयपुर मेडिकल एसोसिएशन में रजिस्टर्ड डाक्टरों के नाम पर 50 हजार रुपये की कीमत से कम के जाली बिल काटकर दवाओं को पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली समेत अन्य राज्यों में सप्लाई करता था।
50 हजार रुपये से कम का बिल इसलिए काटा जाता था ताकि वह जीएसटी और इनकम टैक्स विभाग की नजर में न आए। रेड करने गई टीम में एसीपी जश्नप्रीत सिंह, इंस्पेक्टर सुखदेव सिंह, ड्रग इंस्पेक्टर अमित लखन और मोहाली के ड्रग इंस्पेक्टर जय जयकार सिंह शामिल थे। रेड के दौरान पुलिस ने जयपुर स्वास्थ्य विभाग की ड्रग कंट्रोलर महिला अधिकारी संजू सिंह को भी साथ लिया था।
17 सितंबर पकड़े थे दो आरोपित, उसके बाद खुली परतें
लुधियाना पुलिस ने 17 सितंबर को रणजीत सिंह व दमनप्रीत सिंह को 22 हजार नशीली गोलियों और 40 सीरप के साथ काबू किया था। उनकी निशानदेही पर 7 अक्टूबर को अलवर (राजस्थान) के खैरथल में अजरुन देव और गुलशन कुमार को गिरफ्तार किया। उनसे पूछताछ के बाद जयपुर (राजस्थान) के सीकर रोड निवासी प्रेम रतन को गिरफ्तार किया गया। वह दवाओं का मुख्य ट्रेडर है।
पुलिस ने उसके कब्जे से चार करोड़ की नशीली दवाएं बरामद की थी। उससे पूछताछ के बाद दवाओं की दूसरी खेप जयपुर में अजमेर बाईपास स्थित मयूर विहार में किराये पर लिए गोदाम की बेसमेंट से बरामद की गईं। यह गोदाम जयपुर (राजस्थान) के नंगल जैसबोरा जोटवाड़ा निवासी वरिंदर सिंह उर्फ रिंकू की निगरानी में था। अब उसे भी नामजद करके तलाश की जा रही है।
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