सवालाें के घेरे में लुधियाना पुलिस, पांच दिसंबर को हुआ दुष्कर्म, तीन जनवरी को दर्ज किया केस
पीड़ित महिला ने आरोप लगाया है कि दुष्कर्म के बाद जब पुलिस मुलाजिमों ने उसकी शिकायत नहीं सुनी तो वह खुद मेडिकल करवाने के लिए सिविल अस्पताल पहुंची थी। वहां पर मौजूद पुलिस कर्मियों ने उसका मेडिकल नहीं होने दिया।
लुधियाना, जेएनएन। चाैकी में हुए दुष्कर्म के मामले में जिला पुलिस की भूमिका भी सवालाें के घेरे में हैं। शहर के थाना जमालपुर पुलिस ने तीन जनवरी को पीड़ित महिला की शिकायत पर मुंडियां खुर्द की टिब्बा कालोनी के मेवा सिंह, उसकी पत्नी पम्मी, बेटी पूजा, बेटा बिंदा और परमजीत कालोनी की ममता के खिलाफ मारपीट कर कपड़े फाड़ने और हवलदार राकेश कुमार के खिलाफ दुष्कर्म का केस दर्ज किया था। पीड़िता का आरोप है कि पांच दिसंबर की रात पांचों आरोपिताें ने उसके साथ मारपीट कर नग्न हालत में उसका वीडियो बनाया। छठे आरोपित हवलदार राकेश कुमार ने उसके साथ पुलिस चौकी की छत पर दुष्कर्म किया।
पीडि़ता का आरोप, मुलाजिमों ने दिया हवलदार का साथ
पीड़ित महिला ने आरोप लगाया है कि दुष्कर्म के बाद जब पुलिस मुलाजिमों ने उसकी शिकायत नहीं सुनी तो वह खुद मेडिकल करवाने के लिए सिविल अस्पताल पहुंची थी। वहां पर मौजूद पुलिस कर्मियों ने उसका मेडिकल नहीं होने दिया। केस दर्ज कराने में उसे एक महीने का वक्त लग गया। अब अगर उसका मेडिकल करवाया भी जाएगा तो उसमें कुछ सामने नहीं आएगा।
साथ देने वाले मुलाजिमों का लगाएंगे पता
पुलिस कमिश्नर राकेश अग्रवाल का कहना है कि इस पूरे प्रकरण की जांच करवाई जाएगी। आरोपित हवलदार का साथ देने वाले मुलाजिम कौन-कौन थे। किसने महिला को मेडिकल करवाने से रोका था। सभी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।