Move to Jagran APP

पुलिस का इमोशनल कार्ड.. होम गार्ड जवान को चाय पिला सुलझाई हत्या की गुत्थी

होम गार्ड जवान गुरमीत सिंह जो साहब को सैल्यूट मार ही खुश हो जाता था उनके साथ चाय पी बाग-बाग हो गया। हत्या की सारी कहानी बता मर्डर मिस्ट्री से पर्दा उठा दिया।

By Vikas KumarEdited By: Published: Tue, 04 Feb 2020 03:15 PM (IST)Updated: Wed, 05 Feb 2020 10:12 AM (IST)
पुलिस का इमोशनल कार्ड.. होम गार्ड जवान को चाय पिला सुलझाई हत्या की गुत्थी
पुलिस का इमोशनल कार्ड.. होम गार्ड जवान को चाय पिला सुलझाई हत्या की गुत्थी

लूधियाना, जेएनएन। अभी तक सभी ने पंजाब पुलिस द्वारा अपराधियों की धुनाई कर उनसे गुनाह कबूल करवाने के बारे में ही सुना होगा। शायद ही आपने सुना होगा कि किसी पुलिस अधिकारी ने चाय पिलाकर हत्या की गुत्थी सुलझाई हो। सुनने में अजीब जरूर लगेगा लेकिन हुआ ऐसा ही। कुछ मामलों में तह तक जाने को पुलिस इमोशनली ब्लैकमेल भी करती है। संत विहार में युवक की हत्या के मामले में पुलिस को पता चला कि उनके विभाग में काम करने वाला होम गार्ड जवान मृतक का रिश्तेदार है। फिर क्या था, पुलिस के बड़े अधिकारी ने उसे अपने पास बुलाया। साथ बैठा चाय पिलाई, पुलिस की जिम्मेदारी और वफादारी का लॉलीपॉप थमाया। होम गार्ड जवान गुरमीत सिंह जो साहब को सैल्यूट मार ही खुश हो जाता था, उनके साथ चाय पी बाग-बाग हो गया। हत्या की सारी कहानी बता मर्डर मिस्ट्री से पर्दा उठा दिया।

loksabha election banner

फायदे के लिए वर्दी से धोखा

कई ऐसे पुलिस कर्मी हैं जो मुफ्त में सुविधाओं का फायदा उठाने में पीछे नहीं रहते। अब एक किस्सा बस में हुआ। पुलिस विभाग द्वारा जारी टिकट पर बस में सफर करने के चक्कर में पंजाब होम गार्ड का जवान जलालत करवा बैठा। विभाग केवल पुलिस कर्मियों को बस में सफर की फ्री टिकट देता है। हालांकि सभी पुलिस कर्मी इसका इस्तेमाल नहीं करते। अब इस टिकट का प्रयोग करने के लिए होम गार्ड जवान कंधे पर पीएचजी की जगह पंजाब पुलिस का पीपी बैज लगाने लगे हैं। उनकी पहचान केवल पगड़ी के रंग से होती है। अब एक होम गार्ड जवान लुधियाना से जगराओं के लिए बस में चढ़ा। जैसे ही उसने कंडक्टर को टिकट भर कर दिया, तो कंडक्टर ने आव देखा ना ताव उसे नीचे उतार दिया। बोला, किसे बेवकूफ बना रहे हो, सब पता है। मेरे पिता भी होम गार्ड थे।

अतिक्रमण पर पुलिस की जासूसी

पुलिस कमिश्नर राकेश अग्रवाल ने जब से अतिक्रमण के खिलाफ मोर्चा खोला है, तब से पुलिस कर्मी जासूस की भूमिका में हैं। हुआ यूं कि शहर के 12 अंदरूनी बाजारों में कब्जाधारियों पर केस दर्ज करने के बाद पुलिस ने लगभग सारा अतिक्रमण हटा दिया। अब पुलिस कमिश्नर की निगाह शहर के अन्य बाजारों और सड़कों पर हुए अतिक्रमण पर है। उन्होंने इसके लिए सभी थाना प्रभारियों व चौकी इंचार्जों को उनके इलाके में हुए अतिक्रमण की सूची तैयार करके देने की हिदायत दी है। आदेशों के बाद पुलिस कर्मचारी जासूसों की तरह बाजारों में जाकर कब्जों को सू ले रहे हैं। दूसरी तरफ रेहड़ी फड़ी यूनियन और शहर के कारोबारी पुलिस की इस कार्रवाई के खिलाफ बेबस नजर आ रहे हैं। पहले वो सत्ताधारी नेताओं की शरण में गए। मगर वहां दाल नहीं गली तो अब उन्होंने विपक्ष के नेताओं का दामन थाम लिया।

ट्रैफिक पुलिस का स्पीडो मीटर

लुधियाना ट्रैफिक पुलिस संसाधनों की कमी से जूझ रही है। इनके पास एक ही स्पीडो मीटर है। उसमें समस्या यह है कि वो लुधियाना नंबर की गाड़ी की स्पीड को पकड़ नहीं पाता। आसपास के जिलों के वाहनों को थोड़ा-बहुत रेंज में ले लेता है, मगर जैसे ही हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान, हिमाचल, जम्मू-कश्मीर आदि राज्यों की गाड़ी आती है तो उसे दूर से ही पकड़ लेता है। दिलचस्प यह है कि वो उसी गाड़ी को पकड़ता है, जो शहर से बाहर निकल रही होती है। रोड सेफ्टी विशेषज्ञों का मत है कि हाईवे से शहर में दाखिल हो रही गाड़ी की स्पीड, शहर से हाईवे पर चढऩे जा रही गाड़ी से ज्यादा होती है। इसलिए बाहर से शहर आ रही गाडिय़ों की स्पीड चेक करना जरूरी है। अब भगवान जाने कि  पुलिस के स्पीडो मीटर को सिर्फ दूसरे राज्यों की गाडिय़ां ही क्यों दिखती हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.