अवैध ढंग से हथियारों के लाइसेंस बनने की आशंका, पुलिस घर-घर जाकर कर रही रीवेरिफिकेशन Ludhiana News
पुलिस यह पता लगा रही है कि जिन लोगों ने असलहा लाइसेंस लिए हैं क्या उन्हें सही में इसकी जरूरत है कहीं गलत कागजात लगाकर लाइसेंस तो नहीं बने।
लुधियाना [दिलबाग दानिश]। कमिश्नरेट के अधीन आते असलहा लाइसेंस धारकों की पुलिस रीवेरिफिकेशन कर रही है। वे घर-घर जाकर इसकी रिपोर्ट बना रहे हैं। यह विशेष अभियान जिले में अवैध ढंग से असलहा लाइसेंस बनने की आशंका के कारण चलाया जा रहा है।
पुलिस यह पता लगा रही है कि जिन लोगों ने असलहा लाइसेंस लिए हैं, क्या उन्हें सही में इसकी जरूरत है, कहीं गलत कागजात लगाकर लाइसेंस तो नहीं बने। कहीं सिविल अस्पताल में लाइसेंस बनाने से पहले हुए डोप टेस्ट की रिपोर्ट फर्जी तो नहीं। साथ ही 2010 के बाद बने सभी असलहा लाइसेंस की बारीकी से जांच करने के लिए कहा गया है।
शहर में करीब 15 हजार 700 असलहाधारक
पुलिस थानों में बीट सिस्टम है, जिसका प्रभारी एएसआइ या फिर सब इंस्पेक्टर होता है। वे अपने एरिया में जाकर रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं। शहर में करीब 15 हजार 700 असलहाधारक हैं। उनके पास 19,000 असलहा है। डीसीपी हेडक्वार्टर अखिल चौधरी और एडीसीपी दीपक पारीक ने तीन माह में इसकी रिपोर्ट एकत्र करके देनी है।
इसलिए शुरू हुई जांच
पिछले दिनों फील्ड गंज एरिया और दोराहा में हुई फायरिंग के बाद जब जांच शुरू हुई तो सामने आया था कि जिन लोगों ने फायङ्क्षरग की है, उन्हें असलहा की जरूरत ही नहीं थी। एक अन्य मामले में तो जांच के बाद फाइल में लगे कागज भी फर्जी मिले थे। इस कारण सीपी ने रीवेरिफिकेशन के आदेश दिए हैं।
रद होंगे गलत ढंग से बने लाइसेंस: सीपी
पुलिस कमिश्नर राकेश अग्रवाल के अनुसार कुछ अन्य जिलों में यह देखने में आया था कि गलत ढंग से फर्जी असलहा लाइसेंस बनाकर इनका इस्तेमाल वारदात करने में इस्तेमाल हुआ है। इसी को ध्यान में रखते हुए रीवेरिफिकेशन करवानी शुरू की है। अगर बिना जरूरत के असलहा रखने की बात सामने आई तो लाइसेंस रद कर दिया जाएगा। कागजात फर्जी निकले तो केस भी दर्ज होगा।
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