मानवता की मदद को आगे आई पंजाब पुलिस, जरूरतमंदों के खाने-पीने का कर रही इंतजाम
पंजाब पुलिस मानवता की मदद करने में जुटी हुई है और हर कोई उनकी इस सेवा से निहाल है। जब कर्फ्यू लागू हुआ तो बहुत सारे लोगों को खाने-पीने की किल्लत होने लगी।
लुधियाना, [राजन कैंथ]। पंजाब पुलिस अकसर चर्चा में रहती है। कर्फ्यू लगाने के दौरान भी वह काफी सख्ती के कारण सुर्खियों में रही है। अब पंजाब पुलिस का नाम सुनते ही अपराधियों के पसीने छूटने लगे जाते हैं। जब किसी वारदात का कबूलनामा करवाना हो तो पंजाब पुलिस के मस्त मौले (डंडे) से सेवा होते ही अपराधी अपना जुर्म स्वीकार कर लेता है। यह किस्सा अकसर हर थाने का सुना होगा। परंतु इन दिनों फोकल प्वाइंट की ईश्वर नगर चौकी में माहौल इसके उलट है। वहां पंजाब पुलिस मानवता की मदद करने में जुटी हुई है और हर कोई उनकी इस सेवा से निहाल है। जब कर्फ्यू लागू हुआ तो बहुत सारे लोगों को खाने-पीने की किल्लत होने लगी।
प्रशासन की अपील पर विभिन्न संस्थाएं आगे आईं। इसके साथ ही ईश्वर नगर चौकी के पुलिस मुलाजिमों ने एकजुट होकर अपनी जेब से पैसे इकट्ठे किए। फिर उन लोगों तक भोजन पहुंचाने का बीड़ा उठाया जिनके पास खाने के लिए पैसे नहीं हैं। इन मुलाजिमों की तरफ से एक और दो अप्रैल को कुल पांच हजार जरूरतमंदों के लिए चौकी में ही लंगर तैयार किया गया। इस दौरान वहां पर माहौल सामान्य दिनों के मुकाबले बहुत अलग था। सभी पुलिस मुलाजिम सेवा में जुटे हुए थे। कोई सब्जियां काट रहा था, कुछ पूरियां बेल रहे थे। दो हलवाई सब्जी तैयार करने के लिए बड़े-बड़े बर्तनों में मसाला तैयार कर रहे थे। दूसरी और दो अन्य हलवाई पूरियां तलने में लगे थे।
दिल से आवाज आई, गरीबों की मदद की जाए: चौकी इंचार्ज
चौकी इंचार्ज सुरजीत सिंह सैनी ने बताया कि कर्फ्यू के कारण हजारों लोग अपने घरों में बंद हैं। ऐसे कई लोग हैं जिनके पास खाने के लिए पैसे नहीं हैं। नीची मंगली, ऊंची मंगली, गांव जंडियाली व कोहाड़ा की गरीब बस्तियों में बेहड़े बने हुए हैं, जिनमें 20 से लेकर 60 कमरे तक हैं। उनमें रह रहे मजदूर परिवारों के बारे में सोचा तो दिल से आवाज आई कि भगवान ने हमें नौकरी दी हुई है, क्यों न ऐसे जरूरतमंदों की मदद की जाए।
इन लोगों ने की सेवा
इस लंगर की सेवा में एसआइ स्वर्ण सिंह, एएसआइ गुरमीत सिंह, जगजीत सिंह, जसविंदर सिंह, हवलदार गुरमीत सिंह, सुखदेव सिंह, सतविंदर सिंह, कांस्टेबल कमलदीप सिंह और नरिंदर सिंह ने वेतन से 30 हजार रुपये इकट्ठे किए। कुछ जमींदारों ने आलू, गोभी, प्याज व अन्य सामान की मदद कर दी। फिर राशन खरीद कर चौकी में ही भट्ठियां लगवाकर लंगर तैयार किया गया।
सरकारी गाड़ियों में ले जाए गए खाने के पैकेट
एक लिफाफे में 15 पूरी और सब्जी का एक-एक पैकेट बनाया गया, जिन्हें करीब पांच हजार परिवारों के बीच वितरित किया गया। सरकारी गाड़ी में लंगर रख कर ले जाया गया। बेहड़ों के सामने गाड़ी खड़ी करके घर-घर परिवारों को खाने के पैकेट दिए। सुरजीत सैनी ने कहा कि लंगर दो दिन बांटा गया। अगले सप्ताह फिर लंगर बनाने की योजना चौकी इंचार्ज सुरजीत ने बताया कि लंगर बनाने के बाद अब उनके पास एक क्विंटल आटा और अन्य सामान बच गया है। अगले सप्ताह वे लोग फिर से लंगर लगाने की योजना बना रहे हैं। इसके लिए लिए वो अपने अन्य पुलिस कर्मी साथियों से आर्थिक सहयोग लेंगे।
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