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कमिश्नर के नोटिस ने उड़ाई दुकानदारों की नींद, नेताओं ने भी मुंह फेरा Ludhiana News

मंडी में किसी भी तरह की अनहोनी को रोकने के लिए पुलिस कमिश्नर ने नोटिस जारी कर दिया। जिन दुकानों के थड़े बढ़े हुए हैं वह खुद तोड़ लें नहीं तो केस दर्ज होगा।

By Vikas_KumarEdited By: Published: Mon, 09 Mar 2020 03:46 PM (IST)Updated: Wed, 11 Mar 2020 05:28 PM (IST)
कमिश्नर के नोटिस ने उड़ाई दुकानदारों की नींद, नेताओं ने भी मुंह फेरा Ludhiana News
कमिश्नर के नोटिस ने उड़ाई दुकानदारों की नींद, नेताओं ने भी मुंह फेरा Ludhiana News

लुधियाना [भूपिंदर सिंह भाटिया]। शहर के सबसे पुराने बाजारों में से एक चौड़ा बाजार की गुड़ मंडी संकट में आ गई है। कॉस्मेटिक, मोबाइल, ग्रॉसरी जैसे आइटम के लिए मशहूर इस मंडी का मुख्य मार्ग एक समय काफी चौड़ा होता था, लेकिन दोनों ओर से दुकानदार थोड़ा-थोड़ा थड़ा बढ़ाते गए। उनकी दुकानें बड़ी हो गईं और रास्ता छोटा। अब रास्ता सिकुडऩे से राहगीरों को परेशानी होने लगी। इतना ही नहीं, दुकानदार अपनी दुकान के आगे दोपहिया वाहन भी खड़े कर देते हैं। इससे जाम लगा रहता है। मंडी में किसी भी तरह की अनहोनी को रोकने के लिए पुलिस कमिश्नर ने नोटिस जारी कर दिया। जिन दुकानों के थड़े बढ़े हुए हैं, वह खुद तोड़ लें, नहीं तो केस दर्ज होगा। अब व्यापारियों की नींद उड़ गई है। थड़े टूट गए तो उनकी दुकानें छोटी हो जाएंगी। वे अब नेताओं के पास भागे फिर रहे हैं, लेकिन नेता पल्ला पकड़ाने को तैयार नहीं हैं।

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छपास रोग की खूब किरकिरी

कभी-कभी उत्साह में बनाया गया प्रेस नोट हंसी का पात्र बन जाता है। कुछ ऐसा ही मामला यहां हुआ है। दाना मंडी में सीएए और एनआरसी के खिलाफ लगातार धरना-प्रदर्शन जारी है। हुआ यूं कि आयोजकों ने मौसम के अनुमान के अनुसार प्रेस नोट तैयार किया और उसमें लिखा कि आंधी-तूफान व बारिश के बीच प्रदर्शनकारियों ने दिया धरना। अब अखबारों के दफ्तरों में प्रेस नोट पहुंच गए। कुछ सुलझे पत्रकारों ने उस प्रेस नोट को ठीक कर खबर बना दी, जबकि कई ने प्रेस नोट को जस का तस प्रकाशित कर दिया। मौसम विभाग की भविष्यवाणी उस दिन गलत साबित हुई और शहर में आंधी-बारिश हुई ही नहीं। अगले दिन उन अखबारों की खूब किरकिरी हुई, जिन्होंने आयोजकों की ओर से भेजा प्रेस नोट उसी तरह प्रकाशित कर दिया। शहर में इसकी काफी चर्चा रही। अब पत्रकार आयोजकों को कोसते फिर रहे थे और आयोजक इधर-उधर छिप रहे थे।

आप में उम्मीद की किरण

पिछले दो साल से सूने-सूने से रहने वाले आम आदमी पार्टी (आप) के कार्यालयों में इन दिनों फिर से रौनक लगने लगी है। वहां कार्यकर्ताओं के आने का सिलसिला शुरू हो गया है। विधानसभा चुनाव के बाद पंजाब में आप में उठे विवाद से मायूस कार्यकर्ताओं ने पार्टी कार्यालय से मुंह ही मोड़ लिया था। यही नहीं, आप के जिला प्रधान दलजीत सिंह ग्रेवाल भोला ने जब कांग्रेस का दामन थाम लिया था तो कोई माई-बाप न होने से कार्यकर्ता और मायूस हो गए थे। हाल ही में पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने जरनैल सिंह को पंजाब प्रभारी बनाया तो पार्टी में फिर से उम्मीद की किरण जगने लगी है। पार्टी से दरकिनार किए जा चुके लोग फिर एकजुट होने लगे हैं। अप्रत्यक्ष रूप से पार्टी से जुड़ी शहर की कई प्रतिष्ठित शख्सियतों को उम्मीद है कि आप पंजाब को लेकर नई रणनीति बनाकर फिर से वर्करों में जोश भरेगी।

...तो दरिया का होगा भला

बुड्ढा दरिया में प्रदूषण को रोकने के लिए सरकार से लेकर जिला प्रशासन तक ने ताकत झोंक दी है। ऊपर से नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) का डंडा भी है। शहर में गुजरते 14 किमी लंबे इस दरिया की दशा सुधरने की एक और उम्मीद जग गई है। इस बार निगम ने दिल्ली के प्रोफेसर सीआर बाबू से रिपोर्ट तैयार करने को कहा है। इससे पहले भी कई बार संत सीचेवाल और अन्य विशेषज्ञ दरिया को संवारने के लिए अपने सुझाव दे चुके हैं, लेकिन आज तक इस पर ठोस काम नहीं हो पाया। कभी फंड की कमी तो कभी दरिया को गंदा करने वाले अपनी राजनीतिक पहुंच से इसमें अड़ंगा डाल देते थे। इस बार चूंकि एनजीटी भी काफी गंभीर है तो उसने कड़े एक्शन लेने की निगम अफसरों को चेतावनी भी दी है। यदि प्रो. बाबू की रिपोर्ट पर कुछ प्रयास हुए तो दरिया का कुछ तो भला होगा।

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