लुधियाना में दो दोस्तों ने Youtube से सीखा नकली नोट छापने का तरीका, फिर शुरू किया काला कारोबार
आरोपित नशा तस्करों को असली नोट के बदले तीन गुना नकली नोट मुहैया करवाते थे और इन पैसों से दिल्ली से नशा खरीद यहां महंगे भाव में बेचते थे।
लुधियाना, जेएनएन। एसटीएफ ने नकली नोट छापने वाले दो दोस्तों को गिरफ्तार कर 1.69 लाख की करंसी बरामद की है। यह काला कारोबार मुल्लांपुर के नजदीक गांव रकबा स्थित एक घर की छत पर बने कमरे में चल रहा था। बताया जा रहा है कि यू-ट्यूब से नकली नोट छापने का तरीका जानने के बाद ही आरोपितों ने यह गोरखधंधा शुरू किया था। आरोपित नशा तस्करों को असली नोट के बदले तीन गुना नकली नोट मुहैया करवाते थे और इन पैसों से दिल्ली से नशा खरीद यहां महंगे भाव में बेचते थे।
एसटीएफ ने मुल्लांपुर की पुलिस को साथ लेकर छापेमारी की थी और वहां से प्रिंटर, इंक और नोट बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाला कागज भी बरामद किया है। दो दिन पहले एसटीएफ ने सतपाल सिंह उर्फ सत्ता को एक किलो ग्राम हेरोइन के साथ काबू किया था।
पूछताछ में सामने आया कि वह नकली नोटों से नशा खरीदते थे और इसके लिए वह मुल्लांपुर दाखा के नजदीकी गांव रकबा के दो युवकों से नकली नोट लेते थे। एसटीएफ ने इस संबंधी मुल्लांपुर की पुलिस को जानकारी दी। दोनों की सांझा टीम ने मंगलवार की देर शाम गांव रकबा में डेरा शहीद सिंघां के पास बने घर में छापामारी की तो वहां छत पर बने कमरे से हरविंदर सिंह हैरी और बलविंदर सिंह गैरी को काबू किया। कमरे में प्रिंटर और स्कैनर लगाकर नकली नोट बनाने का काम कर रहे थे।
बचपन के दोस्तों ने यू-ट्यूब से ली नोट बनाने की जानकारी
जांच अधिकारी सब इंस्पेक्टर अजायब सिंह ने बताया कि दोनों आरोपित बचपन के दोस्त हैं। बलविंदर गैरी दसवीं पास है और हरविंदर सिंह हैरी 12वीं पास है। दोनों के पास कोई काम नहीं था तो वह यू ट्यूब से वीडियो देखकर नकली नोट तैयार करने लगे थे। वह पिछले करीबन एक साल से इस काम में लगे हुए थे। यह पैसा मार्केट में चला नहीं पा रहे थे तो उन्होंने तस्करों के साथ मिलकर यह काम शुरू कर दिया।
100 और 200 के नोट बरामद
पुलिस का कहना है कि सभी नोट 100 व 200 के हैं। आरोपितों से पूछताछ की जा रही है। इसके अलावा यह भी पता लगाया जा रहा है कि किस इस धंधे में और कितने लोग संलिप्त हैं।
तस्करों द्वारा नकली नोट का इस्तेमाल करने से सकते में पुलिस
नशा तस्करी में नकली नोटों के इस्तेमाल होने की बात सामने आने पर पुलिस सकते में आ गई है। एसटीएफ चीफ हरबंस सिंह के अनुसार जांच में सामने आया कि नकली नोटों के सहारे नशा खरीद तस्कर तीन गुना फायदा ले रहे थे। सतपाल कुछ समय पहले एक किलो हेरोइन और आइस के साथ पकड़े गए रविंदर का साथी था। वह नकली नोटों को असली नोटों में मिक्स कर नशा खरीदने के लिए इस्तेमाल करते थे। नशे की डिलीवरी इतनी तेजी में की जाती है कि वहां पैसे देखने और गिनने तक का समय नहीं होता। यही कारण था कि इसका चलन ज्यादा हो रहा था। यह पता लगाना बेहद जरूरी है कि वह कितनी करंसी इस तरह से चला चुके हैं।
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