निजीकरण और व्यापारीकरण की नीतियां हो बंद:चरण सिंह
जेएनएन, मुल्लापुर दाखा बीआर आंबेडकर भवन में सरकारी टीचर्स यूनियन ने स्कूलों के सरकारीक
जेएनएन, मुल्लापुर दाखा
बीआर आंबेडकर भवन में सरकारी टीचर्स यूनियन ने स्कूलों के सरकारीकरण की 61वीं वर्षगांठ को समर्पित कन्वेंशन का आयोजन किया, जिसमें यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष सुरिंदर सिंह पुआर ने विशेष तौर पर शिरकत की।
इस मौके पर अध्यापकों की हुई सभा को संबोधित करते हुए यूनियन के सरप्रस्त चरण सिंह सराभा ने कहा कि भारतीय बच्चों के लिए सरकारी स्कूल एक सार गुणात्मक शिक्षा का मुख्य स्त्रोत हो सकते हैं, इसलिए शिक्षा के निजीकरण और व्यापारीकरण की नीतियां बंद की जाए। उन्होंने कहा कि बारहवीं कक्षा तक की सारी शिक्षा सरकार के नियंत्रण में हो। रमसा, एसएसए, आदर्श मॉडल मेरिटोरियस स्कूल शिक्षा विभाग में शामिल करके काम स्कूल प्रणाली को विशाल और तर्क संगत बनाया जाए।
सराभा ने कहा कि इतिहास गवाह है कि पंजाब में 1 अक्टूबर 1957 को सरकारी बनाए गए स्कूलों ने पंजाब के मानवीय सामाजिक और आर्थिक विकास में विशेष भूमिका निभाई थी और पंजाब को भारत को अगली कतार के राज्य में लाकर खड़ा कर दिया था।
उन्होंने कहा कि यदि पंजाब में सरकार शिक्षा को विकसित करना चाहती है तो ठेके पर भर्ती किए अध्यापकों को पक्का किया जाए और खाली पड़ीं असामियों को तुरंत भरा जाए। इस कन्वेंशन में अध्यापक वर्ग के साथ संबंधित अन्य मुद्दों पर भी विचार विमर्श किया गया।
इस मौके पर जिला प्रधान सुदागर सिंह सराभा, प्रवीण कुमार, टहल सिंह सराभा, संजीव यादव, परमजीत सिंह सवद्दी, नरिंदपाल सिंह बुर्ज लिट्टां हरी देव, गुरमेल मैलडे, ज्ञान सिंह, दर्शन सिंह मोही, वरिंदर सिंह, दविंदर सिंह, रमनदीप फल्लेवाल, बलदेव जगराओं, राकेश कुमार बलवीर सिंह बासिया, एस.पी सिंह चमकौर सिंह और हाकम सिंह आदि उपस्थित थे।