धान में अधिक नमी से किसान परेशान
संवाद सहयोगी, श्री माछीवाड़ा साहिब मंडियों में पहुंच रही धान में नमी अधिक होने से जहां किसान परे
संवाद सहयोगी, श्री माछीवाड़ा साहिब
मंडियों में पहुंच रही धान में नमी अधिक होने से जहां किसान परेशान है, वहीं प्रशासन ने चुप्पी साध ली है। आलम यह है कि किसान मंडियों में अपनी फसल बेचने के लिए परेशान हो रहा है।
दरअसल, पंजाब सरकार ने धान की बिजाई की तारीख 10 जून से बढ़ा कर 20 जून कर दी। इसकी वजह से रोपाई देरी से शुरू हुई। सरकारी नियमों के अनुसार धान में 17 प्रतिशत नमी होनी चाहिए, परंतु किसानों का कहना है कि रोपाई देरी से शुरू होने के कारण फसल पक नहीं रही और नमी 22 से 26 प्रतिशत तक रह रही है। नतीजा मंडी में किसानों को कई-कई दिनों तक अपनी फसल सुखाने के लिए इंतजार करना पड़ रहा है। फिर भी धान में से नमी की मात्रा नहीं कम हो रही है। इसके बावजूद हर कोई खामोश है।
भारतीय किसान यूनियन के महासचिव हरिंदर सिंह लक्खोवाल ने कहा कि केंद्र की मोदी और पंजाब की काग्रेस सरकार किसान विरोधी है, क्योंकि आज धान के कम झाड़ और अधिक नमी के कारण पंजाब के किसान परेशान है। उन्होंने कहा कि सरकार को तुरंत खरीद एजेंसियों को निर्देश देने चाहिए कि अधिक नमी वाला भी धान खरीदा जाए और कम झाड़ के कारण पंजाब और केंद्र सरकार 500-500 रुपये प्रति क्विंटल बोनस दे, ताकि किसानों को कुछ राहत मिल सके।
उधर, शेलर एसोसिएशन के प्रधान रुपिंदर सिंह बेनीपाल ने कहा कि शेलर इंडस्ट्री पहले ही घाटे में है। ऊपर से अधिक नमी वाला धान शेलर मालिकों के लिए घाटे वाला सौदा साबित होगा। मंडी में सरकारी मापदंडों के अनुसार 17 प्रतिशत नमी वाला धान नहीं आ रहा। धान की पिड़ाई कर वह प्रति क्विंटल के पीछे 67 किलो चावल नहीं दे सकेंगे। इसलिए सरकार जहां किसानों को राहत दे वहीं शेलर मालिकों को भी 67 की बजाय 64 किलो चावल लेने की राहत दे।