घोटाले के बाद भर्ती प्रक्रिया पर पुलिस और खुफिया एजेंसियों की पैनी नजर, सिविल वर्दी में तैनात रहे कर्मचारी
रोपड़ के बाद लुधियाना में सेना में फर्जी भर्ती घोटाले के आरोपितों के पकड़े जाने के बाद बुधवार को फौज भर्ती स्थल का माहौल बदला बदला सा था।
लुधियाना, [दिलबाग दानिश] रोपड़ के बाद लुधियाना में सेना में फर्जी भर्ती घोटाले के आरोपितों के पकड़े जाने के बाद बुधवार को फौज भर्ती स्थल का माहौल बदला बदला सा था। पूरी भर्ती प्रक्रिया पर पुलिस, सीआइडी और आर्मी इंटेलीजेंस की निगाह थी। सिविल वर्दी में करीबन बीस अधिकारी कर्मचारी उम्मीदवारों के पास घूम रहे थे। यही नहीं कुछ उमीदवारों को उन लोगों की तस्वीर दिखाई गई जो फर्जी भर्ती करवाने के गिरोह में शामिल रहे हैं। बता दें कि 19 जनवरी को रोपड़ पुलिस की ओर से लुधियाना के एक युवक समेत कुछ लोग फर्जी कागजों के आधार पर नौकरी दिलाते थे। फौज की ओर से कार्रवाई के बाद जगराओं पुल के पास स्थित रिक्रूटनिंग कार्यालय के मैसेंजर सु¨रदरपाल को पुलिस के हवाले कर दिया गया था। वह पूर्व फौजी म¨हदर ¨सह के साथ मिलकर फर्जी कागजों के सहारे भर्ती करवाए उम्मीदवारों के प्रमाणपत्र पर अवैध मुहर लगाकर वेरीफिकेशन करवाता था। सु¨रदर आठ फरवरी तक पुलिस रिमांड पर है और उससे पुलिस और फौज के कई सीनियर अधिकारी पूछताछ कर रहे हैं, जिससे मिले इनपुट के बाद यहां का एक ड्राइवर भी पुलिस और फौज के अधिकारियों की स्कैनिंग में आ गया है। शक जाहिर किया जा रहा है कि वही यह कागजात बाहर लेकर जाता था और म¨हदर ¨सह तक पहुंचाता था। उसकी मूवमेंट पर निगाह रखी जा रही है। यही नहीं यह आशंका जाहिर की जा रही है कि उक्त लोगों के साथ रिक्रूटमेंट कार्यालय का कोई अधिकारी भी शामिल हो सकता है, जिस संबंधी जानकरियां सु¨रदर से पता की जा रही हैं। पुलिस अब इसी के आधार पर ही मfहदरकी तलाश में जुट गई है। क्योंकि वह इस पूरे स्कैम का सूत्रधार है और उससे कागजात और मोहर पुलिस की ओर से बरामद की जानी हैं।
मामला बेहद गोपनीय
जांच अधिकारी एएसआइ चांद अहीर का कहना है कि यह मामला बेहद गोपनीय है और इस संबंधी ज्यादा जानकारी नहीं दी जा सकती है। हम म¨हदर की तलाश कर रहे हैं। मनजीत पहले भी लुधियाना में पकड़ा गया रोपड़ पुलिस की ओर से पकड़ा गया हरियाणा के मनजीत को पहले भी यहां की इंटेलीजेंस पकड़ चुकी है। बताया जा रहा है कि उसके खिलाफ थाना डिवीजन 6 में आपराधिक मामला दर्ज है, लेकिन पुलिस ने सही ढंग से कार्रवाई नहीं की, जिस कारण वह जेल से जमानत पर बाहर आया और दोबारा से फर्जी भर्ती का काम करने लगा था।