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डिजिटल युग में शिक्षा के दीए से बाती गायब

जैसे-जैसे डिजिटल युग आ रहा है लोगों का रुझान किताबों से दूर होता जा रहा है। बच्चे हों या बड़े सब घरों के अंदर मोबाइल तक सिमट गए हैं कोई लाइब्रेरी जाकर किताब पढ़ना नहीं चाहता। नतीजतन लाइब्रेरी को अब रीडर नहीं मिल रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Mon, 17 Sep 2018 08:29 AM (IST)Updated: Mon, 17 Sep 2018 08:29 AM (IST)
डिजिटल युग में शिक्षा के दीए से बाती गायब
डिजिटल युग में शिक्षा के दीए से बाती गायब

राजेश भट्ट, लुधियाना

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जैसे-जैसे डिजिटल युग आ रहा है लोगों का रुझान किताबों से दूर होता जा रहा है। बच्चे हों या बड़े सब घरों के अंदर मोबाइल तक सिमट गए हैं कोई लाइब्रेरी जाकर किताब पढ़ना नहीं चाहता। नतीजतन लाइब्रेरी को अब रीडर नहीं मिल रहे हैं। शहर में नगर निगम की चार लाइब्रेरी हैं और हालत यह है कि इन चारों लाइब्रेरी में कुल मिलाकर 20 रीडर भी नहीं आते। इसमें से तो दो लाइब्रेरी ऐसी हैं जहां पर पिछले चार साल में एक भी रीडर नहीं पहुंचा। दरअसल लाइब्रेरी को लेकर नगर निगम अफसरों का रवैया भी कुछ सकारात्मक नहीं है। नगर निगम के पूर्व कमिश्नर जीके सिंह को छोड़ दें तो कोई अफसर लाइब्रेरी की तरफ नहीं निहारता। नगर निगम की मुख्य लाइब्रेरी गुरुनानक देव भवन में है, जबकि एक लाइब्रेरी चिल्ड्रेन पार्क मॉडल टाउन, एक गिल रोड और एक रोजगार्डन में है। गुरुनानक देव भवन में बनी लाइब्रेरी में रोजाना कुछ विद्यार्थी अपनी किताबें लेकर पढ़ने जरूर आते हैं इसके अलावा रोजगार्डन में कुछ सीनियर सिटीजन अखबार पढ़ने आते हैं। इनकी कुल संख्या 20 के करीब है। वहीं चिल्ड्रेन पार्क में बनी लाइब्रेरी में 2015 से अब तक एक भी रीडर नहीं पहुंचा है। इसके अलावा नगर निगम ने करीब आठ माह पूर्व गिल रोड स्थित पार्क में बने सीनियर सिटीजन होम में लाइब्रेरी शुरू की। उस लाइब्रेरी में भी पहले दिन से लेकर अब तक एक भी रीडर नहीं पहुंचा। दर्जा चार कर्मचारियों के भरोसे चार में से तीन लाइब्रेरी

नगर निगम की लाइब्रेरी ब्रांच में कभी 24 कर्मचारी होते थे। जो कर्मचारी रिटायर हो गया उसकी जगह नए कर्मचारी की भर्ती नहीं हुई। नतीजा यह है कि अब निगम की लाइब्रेरी में सिर्फ 7 कर्मचारी रह गए उनमें से भी दो कर्मचारी अक्टूबर माह में रिटायर हो रहे हैं। निगम की मुख्य लाइब्रेरी को छोड़ बाकी तीनों लाइब्रेरी दर्जा चार मुलाजिमों पर चल रही है। इस वक्त निगम के पास तीन असिस्टेंट लाइब्रेरियन हैं और चार दर्जा कर्मचारी हैं। अगले महीने दो असिस्टेंट लाइब्रेरियन रिटायर हो रहे हैं। 2015 के बाद नहीं आई कोई नई किताब

नगर निगम की मुख्य लाइब्रेरी पहले गिल रोड जोन सी के पास चलती थी। 2015 में तात्कालिक निगम कमिश्नर जीके सिंह ने लाइब्रेरी वहां से गुरुनानक देव भवन में शिफ्ट कर दी थी, ताकि लोग यहां पढ़ने आएं, लेकिन उसके बाद भी आम लोग यहां नहीं पहुंचे। अब निगम ने विद्यार्थियों को सदस्यता देना शुरू किया है। उसके बाद रोजना 10 से 15 विद्यार्थी यहां आकर अपनी पढ़ाई करते हैं। उसी दौरान चिल्ड्रन पार्क में बनी लाइब्रेरी को भी ठीक किया गया था। कंप्यूटर दिए, लेकिन ऑपरेटर नहीं

लाइब्रेरी का पूरा रिकार्ड ऑनलाइन करने के लिए निगम ने दो कंप्यूटर दिए, लेकिन कंप्यूटर चलाने के लिए एक भी ऑपरेटर नहीं दिया, जिसकी वजह से 2015 से अब तक कंप्यूटर बंद ही पड़े हैं। बरसात में टपकने लगती है छत

नगर निगम की मुख्य लाइब्रेरी हो या फिर गिल रोड व रोजगार्डन की लाइब्रेरी। इन सब में बारिश आते ही पानी टपकने लगता है। गुरुनानक देव भवन की ऊपरी मंजिल पर परनाले के साथ पानी आता है जबकि बाकी जगह छत टपकने लगती है।

लाइब्रेरी आम लोगों के लिए उपयोगी हो, इसके लिए तैयारी की जा रही है। स्मार्ट सिटी के तहत डिजिटल लाइब्रेरी बनाने की योजना है। ताकि लोग अधिक से अधिक इस्तेमाल कर सकें।

बलकार सिंह संधू, मेयर लुधियाना


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