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सवाल मैडम जी से, जवाब दे रहे नेता जी

नगर निगम मे महिलाओ की भागेदारी अधिक से अधिक हो इसके लिए 50 फीसद सीटे महिला आरक्षित कर दी गई है।

By Edited By: Published: Wed, 14 Feb 2018 03:19 AM (IST)Updated: Wed, 14 Feb 2018 10:43 AM (IST)
सवाल मैडम जी से, जवाब दे रहे नेता जी
सवाल मैडम जी से, जवाब दे रहे नेता जी
राजेश भट्ट, लुधियाना नगर निगम मे महिलाओ की भागेदारी अधिक से अधिक हो इसके लिए 50 फीसद सीटे महिला आरक्षित कर दी गई है। सरकार की इस कवायद से महिला जनप्रतिनिधि कितनी सशक्त तरीके से आगे आ सकती है इस पर भी सवाल खड़े होने लगे है? पिछले तीन दिनो से लुधियाना नगर निगम के प्रत्याशी अपना नामांकन करवाने के लिए रिटर्निग अफसरो के पास पहुंच रहे है। इस दौरान जो तथ्य सामने आ रहे है उससे साफ है कि आने वाले निगम हाउस मे ज्यादातर महिला पार्षद सिर्फ रबड़ स्टैप की तरह होगी और एक बार फिर से शहर मे पार्षद पति या पार्षद पुत्र जैसी संज्ञाएं एक्टिव रहेगी। महिला प्रत्याशी जब अपना नामांकन फार्म भरने जा रही है तो उस दौरान उनके साथ उनके प्रतिनिधि के तौर पर वही लोग दिखे जिनकी वजह से उन्हे टिकट मिली। यही नही जब वह रिटर्निग अफसर को अपने नामांकन फार्म दे रही थी तो उस वक्त भी उनके प्रतिनिधि साथ ही दिखे। यहां तक कि जब रिटर्निग अफसर फार्म की जांच के दौरान कोई सवाल पूछ रहे है तो जवाब देने के लिए नेता जी ही आगे आ रहे है। जिससे साफ है कि नेता जी निगम मे भी अपनी ही चलाएंगे। राजनैतिक दलो ने योग्यता के बजाय परिवार को दी तरजीह 50 फीसदी महिलाओ को टिकट देना राजनैतिक दलो के लिए जरूरी था। क्योकि नए कानून के मुताबिक 50 फीसदी सीटे महिलाओ के लिए रिजर्व है। लेकिन राजनैतिक दलो ने महिलाओ को टिकट बांटते समय उनकी योग्यता देखने के बजाय पार्टी के बड़े नेताओ के घरो की महिलाओ को टिकट दिए है। चुनाव लड़ रही महिलाओ को खुद आगे आना होगा लुधियाना केयर एनजीओ की सदस्य हरप्रीत सोइन का कहना है कि 50 फीसदी आरक्षण महिला सशक्तिकरण के लिए दिया गया। लेकिन राजनीति मे चल रहा है उससे किसी तरह का महिला सशक्तिकरण होने वाला नही है। उनका कहना है कि जो वर्तमान हालात है उसमे तो जिस नेता की सीट महिला रिजर्व हो गई वह अपने परिवार की महिला को चुनाव मे उतार देता है। उनका कहना है कि महिलाओ को सशक्त होना है तो उन्हे खुद काम करना पड़ेगा और अपने किसी भी काम के लिए किसी अन्य पर आश्रित नही होना चाहिए।

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