सीवरेज समस्या को लेकर भिड़े निगम कमिश्नर और पार्षद, मीटिंग से किया वॉक आउट Ludhiana News
नगर निगम कमिश्नर के साथ मीटिंग के दौरान वार्ड नं सात की पार्षद के पति की मीटिंग के दौरान बहस हो गई।
जागरण संवाददाता, लुधियाना। हलका पूर्वी के पार्षदों ने अपने वार्डों में सीवरेज जाम की समस्या को लेकर धरना लगाया, कमिश्नर के साथ बैठक की और कमिश्नर को अपने साथ वार्डों में घुमाया। लेकिन समस्या वहीं की वहीं रह गई। इलाका 15 दिन बाद भी सीवरेज के गंदे पानी से लबालब भरा हैं। विधायक संजय तलवाड़ व मेयर बलकार सिंह संधू के बीच समझौता हुआ तो पार्षदों को लगा कि अफसर अब उनके वार्डों की समस्याओं को गंभीरता से लेंगे। लेकिन अब भी वही हाल हैं।
मंगलवार को पूर्वी हलके के सभी कांग्रेसी पार्षद निगम कमिश्नर के साथ मीटिंग करने जोन डी पहुंचे। कमिश्नर वार्ड वाइज पार्षदों से उनकी समस्या सुन रही थीं लेकिन जब वार्ड नंबर सात की पार्षद रविंदर कौर की बारी आई तो उनके पति मोनू खिंडा ने कमिश्नर को कह दिया कि राहों रोड की समस्या हल नहीं हुई और आपने उस दिन समस्या हल होने का दावा किया था। जिस पर कमिश्नर ने उन्हें कह दिया कि इलाके में डिस्पोजल लग रहा है चार महीने लगेंगे तब समस्या हल होगी। इस पर पार्षद पति ने कह दिया कि मैडम क्या चार महीने के लिए हम मंदिर गुरुद्वारे चले जाएं। लोग हमारे घर आ रहे हैं और हमसे समाधान मांग रहे हैं। इस बात को लेकर कमिश्नर व पार्षद पति में बहस हो गई। जिस पर मोनू खिंडा व उनकी पत्नी ने इस्तीफा देने की बात कहकर मीटिंग छोड़ दी। फिर बाकी पार्षद उन्हें दोबारा मीटिंग में लाए। उसके बाद कमिश्नर ने दूसरे पार्षद से बात करनी शुरू की तो फिर दोनों ने कमिश्नर को जनता के साथ मिलकर संघर्ष करने की बात कही और मीटिंग छोड़कर चले गए। जिसके बाद मोनू खिंडा ने विधायक व मेयर दोनों को सूचना दे दी।
कमिश्नर के दावे के बावजूद जाम हो गया
सीवरेज नगर निगम कमिश्नर कंवलप्रीत कौर बराड़ व मोनू खिंडा में गरमा गरम बहस हुई। मोनू खिंडा ने कमिश्नर को कहा कि आपने जब दावा किया था कि राहों रोड का सीवर खुल गया है उसके कुछ घंटे बाद ही वहां फिर से सीवरेज जाम हो गया। सोनू खिंडा ने कहा कि कमिश्नर को उसके बाद भी कई बार इस बारे में कहा गया लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। जबकि पिछली मीटिंग के दौरान कमिश्नर ने कहा था कि अगर अफसर सीवरेज की सफाई नहीं करवा पाए तो उनके खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा।
बात सुनने की बजाये की बहस
खिंडा ने बताया कि बैठक में उन्होंने अपनी व्यथा कमिश्नर के सामने रखी थी कि लोग उनके घर आ रहे हैं और उन्हें परेशान कर रहे हैं। जबकि गलती निगम अफसरों की है। उन्होंने बताया कि कमिश्नर ने उनकी व्यथा सुनने के बजाय उनके साथ बहस करनी शुरू कर दी। दूसरी बार भी जब वह बैठक में गए तो कमिश्नर ने उनकी समस्या पर बात करने की बजाय दूसरे पार्षद से बात करनी शुरू कर दी। उन्होंने कहा कि जब कमिश्नर ने उनकी बात सुननी ही नहीं थी तो उनका मीटिंग में बैठने का कोई फायदा नहीं था। जिसकी वजह से वह मीटिंग छोड़कर बाहर आ गए। उन्होंने कहा कि अब वह इलाके के लोगों के साथ मिलकर सीवरेज की सफाई के लिए मांग उठाएंगे। उन्होंने कहा कि इस बारे में वह विधायक संजय तलवाड़ व मेयर बलकार सिंह संधू को भी बता चुके हैं।
दिया है हल का भरोसा
उधर, कमिश्नर का कहना है कि पार्षदों की समस्या दूर करने के लिए बैठक की थी। इसमें सभी पार्षदों की समस्याएं सुनी गई और उन्हें दूर करने पर विचार किया गया। उन्होंने बताया कि राहों रोड की समस्या को दूर करने के लिए अब डिस्पोजल लगाने को कहा गया है। उसे लगाने में अभी कुछ वक्त लगेगा। पार्षदों को भरोसा दिलाया कि जल्दी ही वार्डों में सीवरेज की समस्या का हल करवा दिया जाएगा।
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