पावरलेस हुई लोधी क्लब एग्जीक्यूटिव कमेटी, अफसर लेंगे सभी फैसले
लोधी क्लब में ब्यूरोक्रेसी एवं एग्जीक्यूटिव कमेटी में चल रहे विवाद के बाद रविवार को डिप्टी कमिश्नर एवं क्लब अध्यक्ष वरिदर शर्मा ने अधिकारियों को हर पोर्टफोलियो में शामिल कर ब्यूरोक्रेसी को क्लब एग्जीक्यूटिव कमेटी पर हावी कर दिया है।
मुनीश शर्मा, लुधियाना : लोधी क्लब में ब्यूरोक्रेसी एवं एग्जीक्यूटिव कमेटी में चल रहे विवाद के बाद रविवार को डिप्टी कमिश्नर एवं क्लब अध्यक्ष वरिदर शर्मा ने अधिकारियों को हर पोर्टफोलियो में शामिल कर ब्यूरोक्रेसी को क्लब एग्जीक्यूटिव कमेटी पर हावी कर दिया है। एग्जीक्यूटिव कमेटी की पावर को लगभग समाप्त कर दिया गया है, क्योंकि अब हर फैसले से पहले अधिकारियों से इसकी अनुमति लेनी होगी। इसके लिए एक कोरम तय कर दिया गया है। किसी भी विभाग के सचिव को सबसे पहले महासचिव और फाइनांस सचिव को अपनी फाइल भेजनी होगी, इसके पश्चात क्लब के उपप्रधान, फिर संबंधित विभाग पर लगाए गए अधिकारी की अप्रूवल के बाद फाइल क्लब अध्यक्ष के पास जाएगी। डीसी वरिदर शर्मा खुद अब क्लब के सभी मैटर हैंडल करेंगे। उनकी अनुमति के बाद ही किसी प्रोजेक्ट पर काम किया जा सकेगा और किसी भी तरह की बैठक बुलाने से पहले उनकी अनुमति लेनी होगी। यह कार्रवाई उन्होंने सेक्शन 25 की वीटो पावर का इस्तेमाल कर की है।
दरअसल, लोधी क्लब के कैटरर को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा था और अधिक बिड देने वाले कैटरर को कैटरिग न देकर एग्जीक्यूटिव कमेटी की ओर से कम बोली देने वाले कैटरिग देने के लिए डिप्टी कमिश्नर को सिफारिश भेजी थी। इस दौरान इस कमेटी की चेयरपर्सन नीरू कत्याल को नजरंदाज करने को लेकर डीसी की ओर से छह एग्जीक्यूटिव सदस्यों को शोकाज नोटिस भी जारी किया गया था। इसके चलते मामला कई दिनों से चर्चा में था और रविवार को डीसी ने आर्डर करते हुए क्लब के संचालन को अपने हाथ लेकर इसके लिए अधिकारी तैनात कर दिए हैं। इसके अलावा कैटरिग के लिए अब सीआर होटल को क्लब के ग्राउंड फ्लोर की कैटरिग दी गई है। फर्स्ट फ्लोर की कैटरिग के लिए टेंडर करवाया जाएगा।
चार अधिकारियों की टीम की होगी अहम भूमिका
क्लब में चार अधिकारियों को तैनात किया गया है, जो क्लब की वर्किंग के लिए एग्जीक्यूटिव कमेटी के साथ अटैच किए गए हैं। इनमें एसीए ग्लाडा संदीप कुमार को स्पोर्ट्स एक्टीविटी, नीरू कत्याल को जनरल मैटर, नई सदस्यता, कंस्ट्रक्शन, रेनोवेशन वर्क, एसडीएम जगदीप सहगल को मेस एवं बार, सहायक कमिश्नर जनरल परलीन कौर को कल्चरल गतिविधियों के लिए लगाया गया है। अब किसी भी विभाग में काम से पूर्व फाइल इन अधिकारियों के पास जाने के बाद डीसी से पास होगी।
रोशे कैटरर रहा है डिफाल्टर, अब जिम्मा मुक्तसर के कैटरर को
क्लब के लिए दो कैटरर ने बिड में भाग लिया गया था। जिस कैटरर रोशे को रखे जाने को लेकर सिफारिश की जा रही थी, उसके ट्रैक रिकार्ड पर सवालिया निशान खड़े हुए है। रोशे पहले भी क्लब में कैटरर रहते हुए डिफालटर रहा। डीसी की ओर से जारी पत्र में लिखा गया है कि वह 10 नवंबर 2018 से 21 जनवरी से 2021 तक डिफाल्टर रहा। फाइनल सेटलमेंट में क्लब को 21226 रुपये का नुकसान भी हुआ था। इसके साथ ही मुक्तसर के सीआर होटल्स की ओर से ज्यादा बिड दी गई थी। इसलिए डीसी की ओर से ग्राउंड फ्लोर की कैटरिग के लिए सीआर होटल्स को फाइनल किया गया है। रोशे कैटरर की ओर से डैम फूड्स की ओर से अपना टेंडर भरा गया, जबकि वह पहले रोशे के नाम से डिफाल्टर रह चुका है। इसलिए उसे खारिज कर दिया गया।
नीरू कत्याल को नजरंदाज करने पर बढ़ा था विवाद
लोधी क्लब की कैटरिग को लेकर सचिवों की ओर से डीसी को रोशे कैटरर को प्राथमिकता देने के लिए सिफारिश पत्र भेजा गया था। इस पर कमेटी की चेयरपर्सन नीरू कत्याल नाराज हुई थीं, क्योंकि उन्हें इसके बारे में नहीं बताया गया था। इसके बाद डीसी ने सचिवों को नोटिस कर इसका जवाब देने के लिए कहा गया था। नोटिस में इस बात का जवाब मांगा गया था कि अगर मुक्तसर का कैटरर 10 हजार रुपये ज्यादा प्रतिमाह का टेंडर दे रहा है तो दूसरे को टेंडर देने की सिफारिश क्यों की गई। इस पूरे मामले के बाद इंटरनेट मीडिया पर लोधी क्लब लगातार चर्चा में बना हुआ था।