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उत्तरैणी कौतिक में नंदा राजजात से करवाए देव संस्कृति के दर्शन

उत्तरांचल कुमाऊं विकास परिषद के कार्यक्रम में लोक कलाकारों ने पहाड़ की देव संस्कृति के दर्शन करवाए।

By JagranEdited By: Published: Mon, 20 Jan 2020 06:30 AM (IST)Updated: Mon, 20 Jan 2020 06:30 AM (IST)
उत्तरैणी कौतिक में नंदा राजजात से करवाए देव संस्कृति के दर्शन
उत्तरैणी कौतिक में नंदा राजजात से करवाए देव संस्कृति के दर्शन

जागरण संवाददाता, लुधियाना : उत्तरांचल कुमाऊं विकास परिषद के सालाना कार्यक्रम उत्तरैणी कौतिक में उत्तराखंड से आए लोक कलाकारों ने नंदा देवी राजजात के जरिए पहाड़ की देव संस्कृति के दर्शन करवाए। लोक गायकों ने अपने गीतों के जरिए मां नंदा देवी का आह्वान किया और दर्शकों ने नतमस्तक होकर मां नंदा की डोली का स्वागत किया।

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जैसे-जैसे डोली दर्शकों के बीच से निकलती रही वैसे-वैसे लोग डोली में विराजमान मां नंदा को पुष्प व दक्षिणा अर्पित करते रहे। इस पूरे दृश्य को देख सभागार में बैठे लोग भाव विभोर हो गए। वहीं इससे पहले कार्यक्रम की शुरुआत कुमाऊंनी प्रसिद्ध गायक सोनू मनराल ने बद्री केदार व नंदा देवी की अराधना करके की। उसके बाद प्रसिद्ध लोक गायक ललित मोहन जोशी ने कारगिल युद्ध से जुड़े गीत मैं जोलू कश्मीर बॉर्डर को गाकर सभी की आंखें नम कर दी। उसके बाद उन्होंने पहाड़ से हो रहे पलायन पर भी गहरी चिता व्यक्त करने वाला गीत भी प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में कुमाऊं की प्रसिद्ध लोक गायिका हेमा ध्यानी व हेमा मेहता ने भी अपने गीतों से दर्शकों को नाचने पर मजबूर कर दिया। हेमा ध्यानी ने कुमाऊंनी व गढ़वाली गीत गाए।

संस्था की तरफ से बचन सिंह नगर में यह कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में मेयर बलकार सिंह संधू मुख्य अतिथि के तौर पर उपस्थित हुए, जबकि विधायक कुलदीप वैद्य, पूर्व विधायक दर्शन सिंह शिवालिक भी विशेष तौर पर उपस्थित हुए। कार्यक्रम का उद्घाटन मोहन सिंह कड़ाकोटी ने दीप प्रज्ज्वलित करके किया। संस्था के प्रधान बसंत बल्लभ भट्ट व महासचिव शिव सिंह रावत ने बताया कि संस्था की तरफ से हर वर्ष उत्तरैणी कौतिक का आयोजन किया जाता है। उन्होंने बताया कि नंदा देवी से पूरे उत्तराखंड के लोग भावनात्मक तौर पर जुड़े हैं। वहां के लोग भगवती नंदा को अपनी बेटी मानते हैं और राजजात के दौरान नंदा को ससुराल भेजते हैं और पूरे भाव के साथ उसे विदा करते हैं। यह राजजात हर बार वर्ष में करवाई जाती है। उन्होंने कहा कि जो लोग वहां जाकर राजजात नहीं देख सकते हैं उन्हें यहां पर दर्शन हो जाते हैं। इस मौके पर लक्ष्मण सिंह, श्यामचंद्र तिवारी, नारायण दत्त, ललित सिंह, मोहन सिंह रावत, कैलाश शर्मा, रमेश शर्मा समेत अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे।


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