पेट्रो उत्पादों से भारी भरकम ड्यूटी व वैट कम किया जाए
केंद्र सरकार अगले वित्त वर्ष के पहले तीन माह के लिए अंतरिम बजट पेश करेगी। मोदी सरकार के अंतिम बजट से हर वर्ग को काफी उम्मीदें हैं। किसानों का तर्क है कि भाजपा ने पांच साल पहले चुनावी घोषणापत्र में उनका कर्ज माफ करने का वादा किया था, लेकिन अभी तक इसे पूरा नहीं किया गया।
जागरण संवाददाता, लुधियाना।
केंद्र सरकार अगले वित्त वर्ष के पहले तीन माह के लिए अंतरिम बजट पेश करेगी। मोदी सरकार के अंतिम बजट से हर वर्ग को काफी उम्मीदें हैं। किसानों का तर्क है कि भाजपा ने पांच साल पहले चुनावी घोषणापत्र में उनका कर्ज माफ करने का वादा किया था, लेकिन अभी तक इसे पूरा नहीं किया गया। किसानों को उम्मीद है कि अंतरिम बजट में उन्हें कर्ज से मुक्त किया जाए। गेहूं व धान के अलावा अन्य फसलों की खरीद भी न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीद सुनिश्चित की जाए। इसके अलावा पेट्रो उत्पादों पर लग रही भारी भरकम ड्यूटी एवं वैट को कम किया जाए।
हरमीत ¨सह कादियां
भारतीय किसान यूनियन (भाकियू), पंजाब के प्रधान हरमीत ¨सह कादियां का कहना है कि भाजपा ने किसानों से किया कर्ज माफी का वाद पांच साल में भी पूरा नहीं किया है। कर्ज के बोझ तले किसान आत्महत्याएं कर रहे हैं। उम्मीद है कि अंतिम बजट में सरकार कर्ज माफी के लिए पहल करेगी। यह भी उम्मीद है कि बजट में कृषि उत्पादों को जीएसटी से राहत मिलेगी।
वीर पाल ¨सह ढिल्लों
भाकियू, पंजाब के जनरल सेक्रेटरी वीर पाल ¨सह ढिल्लों का तर्क है कि किसानों को पेट्रोल एवं डीजल की बढ़ती कीमतों ने करारा झटका दिया है। नवंबर में गेहूं की बिजाई के समय एकबारगी डीजल की कीमत 75 रुपये प्रति लीटर के आसपास पहुंच गई थी। अब सारी फसल की बिजाई पूरी हो चुकी है तो डीजल दस से बारह रुपये प्रति लीटर सस्ता हो चुका है। डीजल की महंगाई से सप्लाई लाइन भी महंगी हुई है और इसका असर किसान पर भी पड़ रहा है।
ओंकार ¨सह
भाकियू, राजेवाल के महासचिव ओंकार ¨सह का कहना है कि सत्ता में आने से पहले मोदी सरकार ने स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिशें लागू करने का भरोसा दिलाया था, लेकिन अभी तक यह वादा पूरा नहीं किया गया है। बजट में कमेटी की सिफारिशों को लागू करने की दिशा में कदम बढ़ाने होंगे। इसके अलावा किसानों की न्यूनतम आय प्रति माह कम से कम बीस हजार रुपये सुनिश्चित की जाए।
सौदागर ¨सह घुडाणी
भाकियू एकता के जिला प्रधान सौदागर ¨सह घुडाणी ने कहा कि बजट में मोदी सरकार को किसानों से किए तमाम वादे पूरे करने होंगे। इसके लिए उचित प्रावधान करने की आवश्यकता है। कृषि में लगातार खर्च बढ़ रहा है, जबकि किसानों को फसल का सही मूल्य तक नहीं मिल पा रहा है।