कोरोना से मृतक का अंतिम संस्कार करने पहुंचे चार लोग, ग्रामीणों ने भगाया
मलेरकोटला रोड स्थित गांव माजरी में रविवार की शाम को एक अजीब घटनाक्रम ने गांव में दहशत का माहौल पैदा कर दिया।
सचिन आनंद, खन्ना : मलेरकोटला रोड स्थित गांव माजरी में रविवार की शाम को एक अजीब घटनाक्रम ने गांव में दहशत का माहौल पैदा कर दिया। गांव के श्मशानघाट में एक एंबुलेंस में एक कोरोना मरीज का शव लेकर दो लोग पहुंचे। इसके बाद एक ऑटो में लकड़ियां लेकर दो लोग अलग से पहुंचे। इस अज्ञात शव का श्मशानघाट में अंतिम संस्कार की तैयारी कर रहे इन चार लोगों को गांव वासियों के विरोध का सामना करना पड़ा, जिस कारण वे अंतिम संस्कार किए बिना ही शव लेकर लौट गए।
यह घटना रविवार शाम करीब करीब पांच बजे की है। गांव के कुछ लोगों ने श्मशानघाट में हलचल देखी। गांव में रविवार को किसी की मौत नहीं हुई थी, लेकिन श्मशानघाट में अंतिम संस्कार की तैयारियां की जा रही थी। गांव के लोगों ने इसकी सूचना सरपंच के पति रणजीत सिंह व अन्य गांववासियों को दी। इस पर गांव के लोग वहां इकट्ठे होने लगे। उन्होंने देखा कि एक एंबुलेंस से शव और ऑटो से लकड़ियां ला कर रैप किए गए एक शव का अंतिम संस्कार करने की तैयारी की जा रही है। जब गांव वालों ने इसका विरोध किया तो वो चारो लोग शव लेकर वहां से निकल गए। चंडीगढ़ नंबर की थी एंबुलेंस
गांव वालों का कहना है कि जब उन्होंने शव लेकर आए लोगों से पूछा तो उन्होंने इतना ही बताया कि कोरोना मरीज की मौत हो गई है। इनका कोई परिजन नहीं है। इसलिए अंतिम संस्कार करने यहां आए हैं। हालांकि, ना तो उन्होंने अपना और ना ही मृतक की पहचान के बारे में कुछ बताया। एंबुलेंस चंडीगढ़ के नंबर की बताई जाती है। हालांकि, उन लोगों ने गांव वालों को इतना जरूर ताया कि मरीज की मौत पटियाला के अस्पताल में हुई है। यह घटना गांव के लोगों के लिए रहस्य बनी हुई है। इस दौरान गांव के लोगों ने इस पूरी घटनाक्रम की एक वीडियो जरूर बना ली। नहीं पहन रखी थीं पीपीई किटें
हैरानी की बात यह है कि शव को अंतिम संस्कार के लिए लेकर आए लोगों ने पीपीई किटें व अन्य सुरक्षा के उपकरण नहीं पहने रखे थे। केवल मास्क से उन्होंने अपने चेहरे आधे-अधूरे ढके हुए थे। इसके चलते इस बात पर भी शक जाहिर किया जा रहा है कि शव सच में कोरोना से मरने वाले व्यक्ति का ही था या फिर मामला कुछ और है। जिसकारण अंतिम संस्कार करने आए लोग मृतक को कोरोना पॉजिटिव बताने की कोशिश में उसके शरीर को रैप किया हुआ था। विरोध किया, शिकायत नहीं की : रणजीत
गांव की सरपंच के पति रणजीत सिंह ने बताया कि सूचना मिलने पर वे लोगों के साथ मौके पर पहुंचे और विरोध कर अंतिम संस्कार को रोक दिया। हालांकि, उन्होंने इस मामले की शिकायत पुलिस से नहीं की है।