श्री गुरु अंगद देव जी के प्रकाशपर्व पर निकाला नगर कीर्तन
जागरण संवाददाता, खन्ना : गुरुद्वारा श्री गुरु अंगद देव जी अमलोह रोड खन्ना प्रबंधकीय कमेटी द्वारा दूस
जागरण संवाददाता, खन्ना : गुरुद्वारा श्री गुरु अंगद देव जी अमलोह रोड खन्ना प्रबंधकीय कमेटी द्वारा दूसरी पातशाही श्री गुरु अंगद देव जी के प्रकाशपर्व के उपलक्ष्य में श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की छत्रछाया और पांच प्यारों के नेतृत्व में विशाल नगर कीर्तन सजाया गया।
इस दौरान संगत द्वारा फूलों की वर्षा की गई। बाबा बेअंत ¨सह पंजरुक्खा वालों ने नगर कीर्तन में अपने जत्थे के साथ हाजिरी लगवाते हुए संगत को गुरमति विचारों से निहाल किया। हजूरी रागी जत्था बाबा बेअंत ¨सह, गुरप्रीत ¨सह, हरप्रीत ¨सह, हैड ग्रंथी गगनदीप ¨सह, बीबी सिमरनजोत कौर, ग्रंथी बाबा सतबीर ¨सह, बीबी गुरदीप कौर ने भी सेवा निभाई। विभिन्न गतका पार्टियों ने अपनी कला के जौहर दिखाए। श्रद्धालुओं द्वारा संगत के लिए जगह-जगह पर विभिन्न तरह के लंगर लगाए गए।
पंजाब भाजपा के पूर्व प्रधान कमल शर्मा भी नगर कीर्तन में पहुंचे। उनके साथ भाजपा जिला महासचिव रणजीत ¨सह हीरा और भाजयुमो प्रदेश महासचिव अनुज छाहड़िया भी थे। इस अवसर पर शिरोमणि कमेटी सदस्य जत्थे. द¨वदर ¨सह खटड़ा, गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के मुख्य सेवक जसपाल ¨सह कंग, राम ¨सह, पाल ¨सह भल्ला, बलदेव ¨सह, पर¨मदर ¨सह भिन्दर, मलकीत ¨सह, राजिंदर ¨सह सचिव, मलकीत ¨सह एसडीओ, सोहन ¨सह, रणजीत ¨सह हीरा, सुख¨वदर ¨सह मांगट, हरजीत ¨सह भाटिया, बीबी गुरमीत कौर, बीबी बल¨वदर कौर, बीबी कमलजीत कौर, बीबी शकुंतला देवी, हरभजन ¨सह चीमा, दर्शन ¨सह ढिल्लों, लख¨वदर ¨सह काला, मनजीत ¨सह सलैच, सुखबीर ¨सह संधू हरबंसपुरा, दलबीर ¨सह बगली, कर्म ¨सह संधू हरबंसपुरा, गुर¨मदर ¨सह गिल, इंद्रजीत ¨सह, व¨रदर ¨सह हैरी, सिमरनप्रीत ¨सह, स्वर्ण जीत ¨सह, प्रीतम ¨सह, गुरमीत ¨सह, मनजीत ¨सह ¨मटू, ज¨तदर ¨सह, परमजीत ¨सह, बलजिंदर ¨सह बबलू, हर्षदीप ¨सह, इसप्रीत ¨सह, हरजीत ¨सह आदि उपस्थित थे। कहां-कहां से निकला नगर कीर्तन
नगर कीर्तन कृष्णा नगर रोड से होता हुआ गुरुद्वारा बाबा बंदा ¨सह बहादुर, गुरुद्वारा गुरु गो¨बद धाम ऊंचा वेहड़ा, गुरुद्वारा बाबा बचित्तर ¨सह, गुरुद्वारा रामगढि़या, सरकारी कन्या स्कूल, अमलोह रोड, सब्जी मंडी, गुरुद्वारा श्री गुरु अर्जुन देव जी मॉडल टाऊन, गुरुद्वारा श्री गुरु अर्जुन देव जी भगत ¨सह कालोनी से होता हुआ वापस गुरुद्वारा श्री गुरु अंगद देव जी में समाप्त हुआ।