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कांग्रेस छोड़ने के एक माह बाद शिअद के हुए इंजीनियर बोपाराय

कांग्रेस को एक महीने से अधिक समय पहले छोड़ चुके पायल के समाज सेवक और उद्यमी इंजीनियर जगदेव सिंह बोपाराय ने आखिर बुधवार को अकाली दल में शामिल होने की घोषणा कर दी। वे अपने बेटे हरदीप सिंह बोपाराय के साथ चंडीगढ़ में शिअद सुप्रीमो सुखबीर सिंह बादल और पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया की मौजूदी में शिअद के हो गए।

By JagranEdited By: Published: Wed, 22 Sep 2021 08:15 PM (IST)Updated: Wed, 22 Sep 2021 08:15 PM (IST)
कांग्रेस छोड़ने के एक माह बाद शिअद के हुए इंजीनियर बोपाराय
कांग्रेस छोड़ने के एक माह बाद शिअद के हुए इंजीनियर बोपाराय

जागरण संवाददाता, खन्ना : कांग्रेस को एक महीने से अधिक समय पहले छोड़ चुके पायल के समाज सेवक और उद्यमी इंजीनियर जगदेव सिंह बोपाराय ने आखिर बुधवार को अकाली दल में शामिल होने की घोषणा कर दी। वे अपने बेटे हरदीप सिंह बोपाराय के साथ चंडीगढ़ में शिअद सुप्रीमो सुखबीर सिंह बादल और पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया की मौजूदी में शिअद के हो गए। सुखबीर ने बोपाराय पिता-पुत्र को सिरोपा पहना कर स्वागत किया और जगदेव सिंह बोपाराय को शिअद का राष्ट्रीय उप प्रधान नियुक्त किया। सुखबीर ने कहा कि बोपाराय के समर्थकों को भी पार्टी में पूरा सम्मान दिया जाएगा।

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इस दौरान बोपाराए इलेक्ट्रिकल्स एंड इलैक्ट्रोनिकस के चेयरमैन जगदेव सिंह बोपाराय ने कांग्रेस पर अपनों की ही पीठ पर वार करने के आरोप लगाते हुए कहा कि वे शिअद की तरक्की के लिए दिन-रात एक कर देंगें। कांग्रेस ने प्रदेश का कोई भला नहीं किया। कांग्रेसी विधायकों ने धक्केशाही और लूट के साथ अपराधियों को बचाने का काम किया है। किसी भी कीमत पर कांग्रेस को लोग अब मुंह नहीं लगाएंगे। कांग्रेस की हार निश्चित है। बोपाराय ने 18 अगस्त को काग्रेस से इस्तीफा देने के बाद 20 अगस्त को सुखबीर बादल से मुलाकात की थी। उसके बाद से ही उनके अकाली दल में शामिल होने के संकेत मिलने लगे थे।

खन्ना व पायल के विधायकों से थे नाराज

बोपाराय पिछले काफी समय में कांग्रेसी विधायकों गुरकीरत कोटली, लखवीर सिंह पायल और अन्य कांग्रेसी नेताओं की तरफ से उनके साथ हुई धोखाधड़ी के मामले में आरोपित की गैरकानूनी ढंग के साथ मदद किए जाने के कारण खफा चले आ रहे थे। हालांकि कांग्रेस विधायक मामले में अपनी संलिप्तता से इंकार करते आए हैं, लेकिन बोपाराय ने कांग्रेस प्रधान को भेजे अपने इस्तीफे में पार्टी लीडरशिप को जिम्मेदार ठहराते कहा कि खन्ना के विधायक गुरकीरत कोटली और पायल के विधायक लखवीर सिंह लक्खा समेत चोटी के कांग्रेसी नेताओं ने करोड़ों की इनकम टैक्स धोखाधड़ी केस में आरोपित की मदद की है। पार्टी से उनके इस्तीफा देने का यही मुख्य कारण है।

खन्ना और पायल में नुकसान संभव

बोपाराय का खन्ना और पायल हलकों में काफी आधार माना जाता है। वे पुराने कांग्रेसी और व्यापारिक घराने से हैं। उनके इन इलाकों में व्यापारिक और राजनीतिक रिश्ते काफी मजबूत है। बोपाराय के जाने से खन्ना और पायल हलके में कांगेस को नुकसान संभव है। यहां तक कि उन्हें कोटली परिवार के दाएं हाथ के रूप में जाना जाता रहा है। विधानसभा चुनाव से पहले बोपाराय के इस कदम से कांग्रेस सकते में है।


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