नासा ट्रिप विवाद पर डीपीएस और पेरेंट्स में सुलह
जागरण संवाददाता, खन्ना : गांव लिबड़ी स्थित प्रतिष्ठित दिल्ली पब्लिक स्कूल (डीपीएस) और स्कूल के करीब 4
जागरण संवाददाता, खन्ना : गांव लिबड़ी स्थित प्रतिष्ठित दिल्ली पब्लिक स्कूल (डीपीएस) और स्कूल के करीब 40-45 बच्चों के पेरेंट्स के बीच चल रहा विवाद दोनों पक्षों में सुलह होने के बाद सुलझ गया है। इस संबंध में स्कूल मैनेजमेंट और बच्चों के पेरेंट्स के बीच पिछले दस दिन से लगातार कई बैठकों के दौर के बाद आखिरकार दोनों पक्ष इस नतीजे पर पहुंचे कि जो पेरेंट्स अपने बच्चों को नासा भेजना चाहते हैं उनका दोबारा वीजा अप्लाई किया जाएगा और जो नहीं जाना चाहते उनकी पेमेंट वापस हो जाएगी।
गैरतलब है कि डीपीएस स्कूल ने नासा के लिए जाने वाले स्कूल के 40-45 बच्चों के एक ग्रुप में नौवीं कक्षा फेल दूसरे स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को भी शामिल कर लिया था। दिल्ली की यूएस एंबेसी में इसका भेद खुल गया और इस कारण एंबेसी ने पूरे ग्रुप का ही वीजा रिफ्यूज कर दिया। इसी बात को लेकर स्कूल और पेरेंट्स के बीच विवाद चल रहा था। जानकारी के अनुसार स्कूल ने ग्रुप में शामिल हर बच्चे से 2.35 लाख रुपये की रकम एडवांस में ली थी। पेरेंट्स को बताया गया था कि इसमें से 35 हजार रुपये प्रोसे¨सग फीस है और यह किसी भी स्थिति में नॉन रिफंडेबल होगी।
जानकारी अनुसार इस ग्रुप में एक ऐसे बच्चे को भी शामिल किया गया, जो इसी साल नौवीं कक्षा में फेल होकर किसी दूसरे स्कूल में दसवीं कक्षा में दाखिला ले चुका है। ग्रुप में आठवीं से दसवीं कक्षा के बच्चों को ही शामिल किया गया था। सूत्रों के अनुसार मैनेजमेंट ने वीजा रिफ्यूज होने के बाद एक टीचर पर भी गाज गिराते हुए उसे टर्मिनेट किया है। इस टीचर को इस सारे टूर का इंचार्ज बनाया गया था। दो दर्जन के करीब बच्चे जाने को तैयार
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार स्कूल बैठकों के दौरान करीब दो दर्जन बच्चों के अभिभावकों को यह मनाने में सफल हो गया है कि वे अपने बच्चों को नासा के ट्रिप पर भेजेंगे और स्कूल इसके लिए दोबारा वीजा अप्लाई करेगा। पता चला है कि स्कूल कोई प्रोसे¨सग फीस भी स्कूल नहीं लेगा। साथ ही जो बच्चे नासा नहीं जाना चाहते, उनकी सारी पेमेंट वापस होगी और प्रोसे¨सग फीस नहीं काटी जाएगी। विवाद खत्म हो गया है : ¨प्रसिपल
डीपीएस खन्ना के ¨प्रसिपल एस मुखर्जी ने कहा कि पेरेंट्स के साथ चल रहा विवाद खत्म हो गया है। जैसा पेरेंट्स चाहते थे वैसा ही कर दिया गया है। भविष्य में इस बात का क्याल रखा जाएगा कि पेरेंट्स को कोई समस्या नहीं आए। स्कूल का साथ देने के लिए वे पेरेंट्स के आभारी हैं।