एएस मैनेजमेंट के महासचिव डेविट पर बैठक में गाली-गलौच का आरोप
सात शिक्षण संस्थाओं को चलाने वाली खन्ना की प्रतिष्ठित एएस मैनेजमेंट सोसायटी की बैठक के दौरान मौजूदा महासचिव एडवोकेट वरिदर डेविट पर गाली-गलौच के आरोप लगे हैं।
जागरण संवाददाता, खन्ना : सात शिक्षण संस्थाओं को चलाने वाली खन्ना की प्रतिष्ठित एएस मैनेजमेंट सोसायटी की बैठक के दौरान मौजूदा महासचिव एडवोकेट वरिदर डेविट पर गाली-गलौच के आरोप लगे हैं। एक शिक्षण संस्थान की बैठक के दौरान इस तरह के बर्ताव की बात सामने आने के बाद संस्थान की साख भी दांव पर लग गई है। मामले की गंभीरता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि विपक्षी भाजपा समर्थित पैनल के सदस्यों ने इसकी शिकायत एसएसपी खन्ना से करते हुए कार्रवाई की मांग की है। दूसरी तरफ एडवोकेट डेविट ने आरोपों को नकारते हुए विपक्ष पर ही उन्हें धमकाने के आरोप लगा दिए हैं। विपक्षी सदस्यों ने 23 जून को हुई बैठक को लेकर रविवार को प्रेस नोट जारी किया। उन्होंने कहा कि 23 जून को स्कूल परिसर में मेनेजमैंट की बैठक बुलाई गई थी। इसमें उनके गुट से राजेश डाली, करूण अरोड़ा, विजय डायमंड और जतिदर देवगन शामिल हुए थे। बैठक में सत्ता पक्ष से कई मुद्दों पर सवाल किए गए थे। उनसे यह पूछा गया कि पिछली बैठक में विपक्ष के बायकाट के बाद एजेंडा का एक प्रस्ताव क्यों पेंडिग रखा गया जबकि उनके पास बहुमत था। इससे साफ है कि प्रस्ताव में कोई गड़बड़ी थी।
आरोप है कि इस सवाल पर महासचिव डेविट ने राजेश डाली को गाली दी। इसके बाद विरोधी गुट के सदस्यों ने बैठक का बायकाट कर दिया। सदस्यों ने कहा कि महासचिव इस तरह के व्यवहार से विपक्ष की आवाज को दबाना चाहते हैं। इस अवसर पर राजेश डाली, संजीव धमीजा, करूण अरोड़ा, जतिदर देवगन, मोहित गोयल पोंपी, विजय डायमंड, अजय सूद और रजनीश बेदी शामिल थे।
करूण अरोड़ा हथियार लगाए, मुझे धमकाया : डेविट
मैनेजमेंट के महासचिव बरिदर डेविट ने कहा कि उन्होंने किसी को कोई गाली नहीं दी। विपक्ष के दो सदस्यों राजेश डाली और करूण अरोड़ा ने उन्हें जान से मारने की धमकी दे रहे थे। करूण अरोड़ा के पास शायद कोई हथियार भी था। वे उनसे कोई गलत बिल पास कराना चाहते थे जो उन्होंने नहीं किया। पुराने बिलों की भी वे अब जांच करवाएंगे। उन्हें व उनके परिवार को इन लोगों से खतरा है। वे भी पुलिस से शिकायत करेंगें।
बौखलाहट में कुछ भी बोलते हैं डेविट : करूण
विपक्षी सदस्य करूण अरोड़ा ने हथियार होने व धमकाने की बात को हास्यासपद करार देते हुए कहा कि आजकर महासचिव डेविट बौखलाहट में कुछ भी बोलते हैं। ऐसे व्यक्ति को इतने महत्वपूर्ण पद पर रहने का अधिकार नहीं है। यह संस्थान की प्रतिष्ठा से जुड़ा हुआ मुद्दा है। संस्थान की भलाई के लिए सवाल करते हैं तो डेविट गलत व्यवहार पर उतर आते हैं। डाली ने कहा कि धमकाने के आरोपों में कोई सच्चाई नहीं है।