सौ करोड़ खर्च कर भी ना मिली सौ प्रतिशत सीवरेज सुविधा
एशिया की सबसे बड़ी अनाज मंडी के नाम से मशहूर खन्ना शहर को केंद्र सरकार की तरफ से अटल मिशन फार रिजुवेनेशन एंड अर्बन ट्रासफार्मेशन (अमरुत) योजना के तहत सीवरेज और वाटर सप्लाई की सुविधा सारे शहर में देने के लिए करीब 100 करोड़ रुपये खर्च किए गए।
सचिन आनंद, खन्ना : एशिया की सबसे बड़ी अनाज मंडी के नाम से मशहूर खन्ना शहर को केंद्र सरकार की तरफ से अटल मिशन फार रिजुवेनेशन एंड अर्बन ट्रासफार्मेशन (अमरुत) योजना के तहत सीवरेज और वाटर सप्लाई की सुविधा सारे शहर में देने के लिए करीब 100 करोड़ रुपये खर्च किए गए। ये सौ करोड़ रुपये भी खन्ना शहर को 100 प्रतिशत सीवरेज की सुविधा नहीं दे पाया। कांग्रेस से लेकर भाजपा और अकाली दल ने भी इस योजना को खन्ना के हिस्से लाने का क्रेडिट तो लिया लेकिन इसका लाभ लोगों तक पहुंचाने में नाकाम रहे।
प्राप्त आंकड़ों के अनुसार खन्ना शहर के सीवरेज और वाटर सप्लाई के लिए 70 करोड़ रुपये के टेंडर साल 2019 में लगाए गए थे। इसके अलावा 19 करोड़ रुपये सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) के लिए अलग से आए। 2 करोड़ 8 लाख की लागत से ट्यूबवेल लगाए गए और 3.67 करोड़ टंकियों के निर्माण पर खर्च हुए.। गलियों में सीवरेज की पाइपलाइन बिछाने के लिए बाद में अलग से करीब 6 करोड़ रुपये के टेंडर लगाए गए। इस तरह करीब 100 करोड़ रुपये से अधिक का पैसा सीवरेज और वाटर सप्लाई विभाग के पास आया।
पैसे आने का सिलसिला यहीं खत्म नहीं हुआ। सीवरेज व वाटर सप्लाई की पाइपलाइन बिछाने के दौरान टूटी गलियों और सड़कों के निर्माण के लिए अलग से खन्ना नगर कौंसिल को 16 करोड़ रुपये दिए गए। बाद में कौंसिल ने इंप्रूवमेंट ट्रस्ट को यह काम कराने के लिए रुपये दे दिए। अब हाल ही में गांव अलौड़ में एक छोटा एसटीपी स्थापित करने के लिए जमीन खरीद की नोटीफिकेशन पंजाब सरकार ने की है। इस पर निर्माण का खर्च भी केंद्र सरकार ने ही देना है।
इतना खर्च, समस्या वहीं की वहीं
शहर के लिए सबसे दुखदाई बात यह है कि 100 करोड़ रुपये खर्च के बाद भी शहर के कईं इलाके अभी भी सीवरेज समस्या से ग्रस्त हैं। अमलोह रोड स्थित वार्ड 12, 13 और 14 के लोग इससे सबसे ज्यादा पीड़ित हैं। इस इलाके में बिना बरसात के ही सीवरेज का गंदा पानी गलियों में भरा रहता है।
अवैध कालोनियों में सीवरेज डालने के आरोप
इस मामले में भाजपा की तरफ से तत्कालीन कांग्रेस सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगते रहे हैं। भाजपा के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य अनुज छाहड़िया ने 2019 में ही विजीलेंस पंजाब से लेकर केंद्र सरकार तक इस मामले की शिकायतें की। उनका आरोप है कि सीवरेज बोर्ड के अधिकारियों व नेताओं ने मिलीभगत कर अवैध निजी कालोनियों में सीवरेज की पाइपलाइन बिछाई। इससे जिन आबादी वाले इलाकों को इसकी जरूरत थी, वे वंचित रह गए।