बो स्ट्रिंग गर्डर डिजाइन वाला होगा जगराओं पुल
पिछले डेढ़ साल से बंद जगराओं पुल को बनने का रास्ता साफ हो गया है। पुल बो स्ट्रिंग गर्डर डिजाइन पर आधारित होगा। रेलवे ने टेंडर जारी कर दिया है।
राजीव पाठक, लुधियाना
पिछले डेढ़ साल से बंद जगराओं पुल को बनने का रास्ता साफ हो गया है। पुल बो स्ट्रिंग गर्डर डिजाइन पर आधारित होगा। रेलवे ने टेंडर जारी कर दिया है। रेलवे द्वारा टेंडर जारी करने के बाद अब पुल के बनने का रास्ता साफ हो गया है। हालांकि सितंबर महीने में स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू इसका विधिवत उद्घाटन कर चुके हैं। जगराओं पुल जर्जर होने के कारण 14 जुलाई 2016 को बंद कर दिया गया था। पुल के बंद होने से शहर में ट्रैफिक व्यवस्था विकराल हो गई है। रेलवे ने पुल को बनाने के लिए 8 करोड़ 14 लाख रुपये टेंडर जारी किया है। 19 जनवरी को टेंडर खोला जाएगा। रेलवे ने काम पूरा करने की समय सीमा 10 महीने का रखा है। ठेकेदारों को पुल बनाने से पहले स्टील के स्ट्रक्चर पर बने मौजूदा पुल को तोड़ना भी होगा। इस प्रकार सब ठीक रहा तो दिसंबर 2018 तक जगराओं पुल बनकर तैयार हो जाएगा।
हालांकि अभी तक पुल के आस-पास रेलवे की जमीन पर हुए अतिक्रमण को हटाया नहीं गया है। इसलिए जब तक कब्जे हटेंगे नहीं तब तक पुल का काम शुरू नहीं हो पाएगा।
अंग्रेजों ने 1888 में बनवाया था
जगराओं पुल रेलवे लाइन के दोनों ओर के शहर जोड़ने वाला मुख्य आरओबी है। दिल्ली -अमृतसर ट्रैक पर 1888 में अंग्रेजों ने आरओबी का निर्माण करवाया था।
रेलवे एक मुश्त वसूल चुका है पुल की लागत
जगराओं पुल (आरओबी) के लिए रेलवे ने मौजूदा पुल के स्थान पर नया पुल बनाने के लिए 11. 50 करोड़ रुपये मांगे थे। निगम ने ट्रैफिक का दबाव देखते हुए बाद में पुल की चौड़ाई बढ़ने पर रेलवे से 24.30 करोड़ रुपये की डिमांड कर दी। फंड की व्यवस्था न होने के कारण कई महीनों तक भुगतान नहीं हुआ और रेलवे ने भी कोई कदम नहीं उठाया। इस प्रोजेक्ट के लिए पंजाब इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट बोर्ड (पीआइडीबी) की ओर से जुलाई में 26.18 करोड़ रुपये जारी किये गए। इसके बाद रेलवे को इसका भुगतान किया गया।