बुद्धिजीवियों की रिहाई की मांग, संगठनों ने निकाला रोष मार्च
देश भर में विभिन्न शहरों में छापेमारी करके लोकपक्षीय तथा बुद्धिजीवी वर्ग के लोगों को गिरफ्तार कर व उनके घरों से सामान जब्त करने के खिलाफ जनतक संगठनों ने प्रदर्शन किया। उन्होंने शहर में रोष मार्च भी निकाला।
संवाद सहयोगी, जगराओं : देश भर में विभिन्न शहरों में छापेमारी करके लोकपक्षीय तथा बुद्धिजीवी वर्ग के लोगों को गिरफ्तार कर व उनके घरों से सामान जब्त करने के खिलाफ जनतक संगठनों ने प्रदर्शन किया। उन्होंने शहर में रोष मार्च भी निकाला।
वक्ताओं ने कहा कि भले ही उन लोगों को सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर उन्हे 6 सितंबर तक घरों में नजरबंद कर दिया गया है लेकिन प्रदर्शनकारियों ने उनको बिना शर्त रिहा करने की मांग की। उन्होंने कहा कि वकील और ट्रेड यूनियन के सुधा भारद्वाज, तेलुगू कवि वरवरा राओ, वकील अरुन फरेरा, वरनन गोनसलावज और जम्हूरी लहर के लेखक गौतम नवलखा को 9 महीने पहले भीम राव कोरे गांव घटना तथा प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी के कत्ल की साजिश रचने के मनघढ़ंत आरोप लगाकर की गई गिरफ्तारी जानबूझकर विरोध की आवाज को दबाने के लिए रची गई राजनीतिक साजिश है। जगराओं में हुए धरना प्रदर्शन को इंकलाबी केंद्र पंजाब के सचिव कंवलजीत खन्ना, अवतार सिंह रसूलपुर ने कहा कि मोदी सरकार हर फ्रंट पर बुरी तरह से फेल हो चुकी है। यह भाजपा सरकार 2019 में लोकसभा चुनाव जीतने के लिए बुद्धिजीवी वर्ग को माओवादी, अरबन नक्सली और कश्मीरी आतंकियों के साथ संबंधों का खौफ पैदा कर रही है। प्रदर्शन में ये लोग हुए शामिल
इन संगठनों की ओर से किए गए प्रदर्शन में किसान नेता हरदीप सिंह, तरलोचन सिंह, महिंदर सिंह कमालपुरा, सुखदेव सिंह, मा. अवतार सिंह, हरबंस सिंह अखाडा, प्रो. केएस संधू, जसबीर सिंह, गुरमेल सिंह, देव राज, करनैल सिंह, भोला सिंह, जगतार सिंह, इंदरजीत सिंह और सुखदेव सिंह के अलावा अन्य उपस्थित थे।