Move to Jagran APP

नई भर्ती शिक्षकों को बार्डर एरिया में भेजने पर पुनर्विचार की मांग

एसएसए व रमसा अध्यापकों को सरकार की ओर से विरोध सहन करने के उपरात भी हर तरह की सुविधाएं दी जा रही हैं।

By Edited By: Published: Mon, 12 Nov 2018 06:00 AM (IST)Updated: Mon, 12 Nov 2018 06:00 AM (IST)
नई भर्ती शिक्षकों को बार्डर एरिया में भेजने पर पुनर्विचार की मांग
नई भर्ती शिक्षकों को बार्डर एरिया में भेजने पर पुनर्विचार की मांग

जागरण संवाददाता, जगराओं : एसएसए व रमसा अध्यापकों को सरकार की ओर से विरोध सहन करने के उपरांत भी हर तरह की सुविधाएं दी जा रही हैं। दूसरी तरफ सरकार की ओर से की गई रेगुलर भर्ती में सफल उम्मीदवारों को बार्डर एरिया में नियुक्तियां दी गई हैं।

loksabha election banner

3582 भर्ती में सफल हुए उम्मीदवारों ने अपना नाम प्रकाशित न करने की शर्त पर बताया कि यह सही है कि उनको दूसरी जत्थेबंदियों का सीधा विरोध न सहन पड़े, लेकिन क्या यह सही है कि 10300 लेकर 3582 अध्यापक बार्डर एरिया में घरों से कोसों दूर हैं और 15000 वेतन पर मनमर्जी के स्टेशन लेने के समय सरकार पर दबाव डाल रहे हैं। दूसरी तरफ हर वर्ष काट्रैक्ट नए भर्ती होने वाले व 42,800 वेतन लेने वाले एसएसए व रमसा अध्यापक अपने घर के पास ही नौकरिया कर रहे हैं। उक्त अध्यापकों ने कहा कि यह तो सरकारी नवनियुक्ति कम वेतन पर काम करने वाले अध्यापकों के साथ सरकार धक्का कर रही है।

उन्होंने माग की है कि नए भर्ती हुए शिक्षकों को बॉर्डर एरिया के स्कूलों में भेजने के फैसले पर पुनर्विचार किया जाए। इसके अलावा अधिक वेतन ले रहे नए शिक्षा विभाग में आए अध्यापकों व ठेके पर भर्ती हुए कर्मचारियों को पहले तीन वर्ष बार्डर एरिया में नियुक्तिया दी जाएं। इस संबंध में जब 3582 यूनियन के प्रधान राजपाल खनौरी से बात की तो उन्होंने कहा कि केवल बेसिक वेतन 10300 पर 3582 टीचरों को बार्डर एरिया पर नियुक्त करना सरकार का गलत फैसला है। उन्होंने कहा कि सरकार को इस फैसले पर पुर्नविचार करना चाहिए, ताकि किसी भी अध्यापक के साथ बेइंसाफी अथवा धक्का न हो।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.