भारत व चीन में तनाव का असर, अब अहम उत्पादों का बैंक बनाकर पार्ट्स की किल्लत दूर करेंगे उद्यमी
चीन से आयात कम किए जाने के बाद से साइकिल इंडस्ट्री में कई उत्पादों की किल्लत हो गई है।बात साइकिल की करें तो कोविड संकट के बाद सेहत संभाल को लेकर लोगों में सजगता आई है।
लुधियाना, [मुनीश शर्मा]। भारत-चीन के तनाव का असर शहर की इंडस्ट्री पर पड़ रहा है। चीन से आयात कम किए जाने के बाद से साइकिल इंडस्ट्री में कई उत्पादों की किल्लत हो गई है। अब उद्यमियों ने इसे लेकर बैठकों का दौर आरंभ कर दिया है और आत्मनिर्भर बनने के लिए एकजुट होने पर काम किया जा रहा है, ताकि भारत में साइकिल की बिक्री बढ़ोतरी का लाभ लिया जा सके।
अब उद्योगपतियों का समूह विभिन्न साइकिल निर्माताओं के साथ ग्रुप बनाकर अहम उत्पादों का बैंक बनाएगा। जब किसी कंपनी को कोई पार्ट चाहिए होगा तो उसे विभिन्न कंपनियों का डाटा मुहैया करवाकर समस्या का हल करवाया जाएगा। इसका मकसद बाजार में शार्टेज क्रिएट कर मुनाफाखोरी करने वाली कंपनियों पर नकेल कसना है। इसके साथ ही इस कांसेप्ट से बाजार की डिमांड पता लगने से कंपनियां अपने प्रोडक्शन प्रोसेस को भी अपग्रेड करेंगी।
मांग बढ़ी, आयात घटा, कई उत्पादों की आने लगी शॉर्टेज
बात साइकिल की करें, तो कोविड संकट के बाद सेहत संभाल को लेकर लोगों में सजगता आई है और पिछले पांच सालों के मुकाबले मार्च से सितंबर तक साइकिल इंडस्ट्री ने लगातार ग्रोथ की है। अब हालात ये हैं कि मांग के अनुरूप प्रोडक्शन नहीं हो पा रहा है। इसकी मुख्य वजह चीन से आयात होने वाले स्पेयर पार्ट्स हैं। पहले चीन से सस्ते उत्पाद आने के चलते यहां की कंपनियां केवल क्वालिटी प्रोडक्ट पर फोकस कर रही थी।
अब चीन से आयात कम होने के बाद भारतीय साइकिल निर्माताओं का रुझान स्वदेशी उत्पादों की ओर बढ़ा है। ऐसे में अभी इंडस्ट्री की ओर से पार्टस निर्माण की क्षमता को न बढ़ाए जाने से इसकी किल्लत होने लगी है। इसमें चेन व्हील, एलॉय स्टील उत्पाद, हैंडल, फ्रेम, रिम, डिरेलर, गियर शिफ्टर, डिस्क ब्रेक, रिफलेक्टर, छोटे साइकिल की गरारी की शॉर्टेज चल रही है।
यूसीपीएमए बनाएगा डिजिटल बैंक
यूनाइटेड साइकिल एंड पार्ट्स मैन्युफैक्चरर एसोसिएशन (यूसीपीएमए) के प्रधान डीएस चावला के मुताबिक चीन के साथ चल रही तनातनी के बाद अब समय है कि इंडस्ट्री को आत्मनिर्भर बनाया जाए। इसके लिए भारतीय साइकिल निर्माता पूर्ण सक्षम है। केवल निर्माताओं को डिमांड से अवगत करवाने की जरूरत है। एसोसिएशन की ओर से शीघ्र एक डिजिटल बैंक का निर्माण किया जाएगा। इसमें विभिन्न उत्पादों का निर्माण करने वाली कंपनियों की डिटेल मुहैया करवाई जाएगी।
इसके साथ ही एसोसिएशन की ओर से विभिन्न उत्पादों का निर्माण करने वाले प्रमुख उद्यमियों की कमेटियां बनाई जाएंगी, डिमांड को पूरा करने के लिए निर्माताओं को ऑर्डर भी देंगी। इसके साथ ही जिसको किसी उत्पाद की आवश्यकता होगी, उन्हें बैंक के माध्यम से उपलब्धता के बारे में बताया जाएगा। इससे लुधियाना साइकिल उद्योग को पहिया तेज करने की कवायद की जाएगी।