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Punjab Industry: ​​​​​लुधियाना की इंडस्ट्री का सीएम चन्नी को पत्र, अब तो सूक्ष्म और लघु उद्योगों के लिए नीति बनाए सरकार

बदीश बिंदल ने पत्र में लिखा कि सिबिल एवं सिडबी रैकिंग में पंजाब 2016-17 में सातवें स्थान से फिसलकर वर्ष 2019-20 में 18वें स्थान पर पहुंच गया है। रैंकिंग में अब केवल छतीसगढ़ जम्मू-कश्मीर झारखंड ही पंजाब से पीछे हैं।

By Pankaj DwivediEdited By: Published: Thu, 14 Oct 2021 12:57 PM (IST)Updated: Thu, 14 Oct 2021 03:36 PM (IST)
Punjab Industry: ​​​​​लुधियाना की इंडस्ट्री का सीएम चन्नी को पत्र, अब तो सूक्ष्म और लघु उद्योगों के लिए नीति बनाए सरकार
पंजाब के सीएम चरणजीत सिंह चन्नी ।(फाइल पाेटाे)

जागरण संवाददाता, लुधियाना। आल इंडस्ट्री एवं ट्रेड फोरम ने मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी को पत्र लिखकर पंजाब की सिबल एवं सिडबी रैकिंग में लगातार हो रही गिरावट की ओर ध्यान दिलाया है। साथ ही, इसे लेकर तत्काल उपाय करने की बात कही है। सीएम चरणजीत सिंह चन्नी को यह पत्र प्रधान बदीश जिंदल ने लिखा है।

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पत्र में उन्होंने बताया कि हाल में आई सिबिल एवं सिडबी रैकिंग में पंजाब 2016-17 में सातवें स्थान से फिसलकर वर्ष 2019-20 में 18वें स्थान पर पहुंच गया है। रैंकिंग में अब केवल छतीसगढ़, जम्मू-कश्मीर, झारखंड ही पंजाब से पीछे हैं। इसका मुख्य कारण सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों (एमएसएमई) को नजरंदाज किए जाना है। इससे पंजाब में रोजगार के साधनों में भी कमी देखने को मिली है।

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माइक्रो एवं स्माल यूनिट्स को लेकर सरकार बनाए याेजना

पंजाब में 99.5 प्रतिशत एमएसई और केवल प्वाइंट 5 प्रतिशत स्माल एवं लार्ज कारपोरेट्स हैं लेकिन 98 प्रतिशत सब्सिडी का बजट मीडियम एवं लार्ज कंपनियों के लिए रहता है। उन्होंने कहा कि अगर एमएसएमई इंडस्ट्री खासकर माइक्रो एवं स्माल यूनिट्स को लेकर सरकार योजनाएं बनाए तो पंजाब में बेरोजगारी को समाप्त करने के साथ-साथ पंजाब की आर्थिक स्थिति को मजबूत किया जा सकता है।

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छोटी इंडस्ट्री के लिए योजनाओं पर करना होगा काम

इसलिए, अगर सरकार ने पंजाब को खुशहाली लेकर जाना है तो इसके लिए छोटी इंडस्ट्री के लिए योजनाओं पर काम करना होगा। छोटी इंडस्ट्री के लिए क्लस्टर प्रोग्राम के साथ साथ सरकारी डिपो के माध्यम से रा मटीरियल वाजिब दामों में मुहैया करवाने पर भी काम किया जाए। इससे पंजाब उद्योग बेहतर रफ्तार पकड़ सकता है।

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