अक्टूबर से ही बच्चों को पहनाएं इनरवेयर
शहर में मौसम का मिजाज अब पूरी तरह से बदल गया। दिन व रात का तापमान लगातार गिर रहा है। ऐसे में सर्दी की सुगबुगाहट से ब'चों में खांसी, जुकाम, निमोनिया के लक्षण पाए जा रहे हैं।
जागरण संवाददाता, लुधियाना : शहर में मौसम का मिजाज अब पूरी तरह से बदल गया। दिन व रात का तापमान लगातार गिर रहा है। ऐसे में सर्दी की सुगबुगाहट से बच्चों में खांसी, जुकाम, निमोनिया के लक्षण पाए जा रहे हैं। जिले के सिविल अस्पताल की बात करें तो यहां रोजाना खांसी, जुकाम, छाती जाम व बुखार से पीड़ित होकर 150 से अधिक बच्चे इलाज के लिए आ रहे हैं। ज्यादातर बच्चों को अभिभावक अस्पताल लेकर तब पहुंच रहे हैं, जब उनकी हालत खराब हो जाती है। सिविल अस्पताल के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. हरप्रीत सिंह व हरजीत सिंह के अनुसार ठंड में नवजात शिशुओं व पांच साल के बच्चों का बचाव बहुत जरूरी है।
अक्तूबर से बच्चों को हमेशा अंदर कॉटन के इनरवेयर पहनाने चाहिए। इसके अलावा कई अभिभावक इस मौसम में भी बच्चों को खिड़की दरवाजा खोलकर नहलाते हैं। बच्चों को बंद जगह पर नहलाना चाहिए। डॉ.हरजीत सिंह ने कहा कि बहुत से बच्चों को खांसी, गले में इंफेक्शन व छाती जाम की शिकायत इसलिए भी हो रही है, क्योंकि अभिभावकों ने उन्हें आइसक्रीम व बाहर के दूसरे खाद्य पदार्थ खाने के लिए दिए होते हैं, जिस तरह का मौसम चल रहा है, उसमें बच्चों को फास्ट फूड, पैक्ड फूड व अन्य खाद्य पदार्थ बिलकुल नहीं देने चाहिए।
-सर्दी-जुकाम हो जाए तो चिकित्सक के पास लेकर जाएं
शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. हरप्रीत सिंह ने कहा सर्दियों में यदि शिशु को दो दिन से ज्यादा सर्दी-जुकाम रहता है, तो बच्चों के डॉक्टर को दिखाना जरूरी है। सर्दी-जुकाम होने पर बच्चे को पानी और तरल चीजें देना जारी रखें, लेकिन ये थोड़े गुनगुने होने चाहिए, फिर चाहे दूध हो या पानी। सर्दियों में लोग बच्चों को पानी कम देते हैं, जोकि सही नहीं है। बच्चे की तबीयत ठीक है तो सादा वरना हल्का गुनगुना पानी थोड़ी-थोड़ी देर में दें।