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रेगुलराइजेशन की डेडलाइन खत्म हाेने पर ग्लाडा ने कसा शिकंजा, आधा दर्जन कॉलोनाइजरों पर एफआइआर

शहर के बाहरी हिस्सों में अवैध कॉलोनियों का कारोबार खूब फल-फूल रहा है। कॉलोनाइजर ग्रेटर लुधियाना एरिया डवलपमेंट अथॉरिटी (ग्लाडा) से पास करवाए बगैर ही कॉलोनियां काट रहे हैं।

By Edited By: Published: Tue, 28 May 2019 07:47 AM (IST)Updated: Tue, 28 May 2019 11:19 AM (IST)
रेगुलराइजेशन की डेडलाइन खत्म हाेने पर ग्लाडा ने कसा शिकंजा, आधा दर्जन कॉलोनाइजरों पर एफआइआर
रेगुलराइजेशन की डेडलाइन खत्म हाेने पर ग्लाडा ने कसा शिकंजा, आधा दर्जन कॉलोनाइजरों पर एफआइआर

जासं, लुधियाना : शहर के बाहरी हिस्सों में अवैध कॉलोनियों का कारोबार खूब फल-फूल रहा है। कॉलोनाइजर ग्रेटर लुधियाना एरिया डवलपमेंट अथॉरिटी (ग्लाडा) से पास करवाए बगैर ही कॉलोनियां काट रहे हैं। ग्लाडा ने कॉलोनियां रेगुलर न करवाने वाले कॉलोनाइजरों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया। ग्लाडा करीब आधा दर्जन कॉलोनाइजरों के खिलाफ एफआइआर भी दर्ज करवा चुका है और बाकी कॉलोनियों के कॉलोनाइजरों के नाम व पते वेरीफाई करवाकर उन पर भी शिकंजा कसने की तैयारी की जा रही है। लुधियाना के आसपास कुल 1431 अवैध कॉलोनियों की सूची ग्लाडा के पास है। यह सभी कॉलोनियां 19 मार्च 2018 से पहले काटी गई हैं।

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पंजाब सरकार ने कॉलोनियों को रेगुलर करवाने के लिए पॉलिसी बनाई और कॉलोनाइजरों को कॉलोनियां रेगुलर करवाने को कहा। ग्लाडा ने कॉलोनाइजरों को पहले 18 फरवरी 2019 तक का वक्त दिया था। उस वक्त तक 150 के करीब कॉलोनाइजरों ने ही अपनी कॉलोनियां रेगुलर करवाने के लिए आवेदन किया, जबकि बड़ी संख्या में कॉलोनाइजरों ने आवेदन नहीं किया, जिस वजह से सरकार ने यह तिथि 30 जून तक बढ़ा दी थी। कॉलोनाइजरों की उदासीनता को देखते हुए ग्लाडा ने अब एक-एक करके कॉलोनाइजरों के खिलाफ एफआइआर दर्ज करवानी शुरू कर दी है।

ग्लाडा के अफसराे ने तैयार की सूची

ग्लाडा के अफसरों ने मार्च 2018 के बाद कटी अवैध कॉलोनियों की सूची तैयार करनी शुरू कर दी है। कॉलोनी के नाम के साथ-साथ कॉलोनाइजरों के नाम व पते की पड़ताल भी की जा रही है, ताकि कॉलोनाइजरों के नाम से पर्चे दर्ज करवाए जा सकें। अवैध कॉलोनियों की सूची तैयार करने के लिए अफसरों ने फील्ड स्टाफ को हिदायतें जारी कर दी हैं।

पॉलिसी अच्छी थी, लेकिन अफसरों ने की फेल

पंजाब कॉलोनाइजर एंड प्रॉपर्टी डीलर एसोसिएशन के प्रदेश प्रधान कुलतार सिंह का कहना है कि सरकार ने कॉलोनाइजरों के साथ मिलकर जो रेगुलराइजेशन पॉलिसी तैयार की थी वह काफी अच्छी थी, लेकिन जब उसे लागू करने की बारी आई तो अफसरों ने इसे जटिल बना दिया, जिस वजह से कॉलोनाइजर अपनी कॉलोनियों को रेगुलर नहीं करवा पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि ग्लाडा अफसरों को कॉलोनाइजरों के खिलाफ पर्चे करने हैं तो करें, लेकिन जब तक रेगुलर करवाने की प्रक्रिया को सरल नहीं बनाया जाता तब तक कॉलोनाइजर रेगुलर नहीं करवा सकेंगे।

पहले भी पर्चे दर्ज करने की सिफारिश कर चुका है ग्लाडा

18 फरवरी को जब कॉलोनी रेगुलराइजेशन की डेडलाइन खत्म हुई थी, उसके बाद ग्लाडा अफसरों ने अवैध कॉलोनाइजरों के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने की सिफारिश की थी, लेकिन उसके कुछ दिन बाद ही सरकार ने फिर से कॉलोनी रेगुलर करवाने की डेडलाइन 30 जून कर दी, जिस वजह से कॉलोनाइजरों के खिलाफ कार्रवाई रोक दी गई।

गांव प्रताप सिंह वाला में काटी अवैध कॉलोनी, दो सगे भाईयाें पर केस

ग्लाडा से मंजूरी लिए बगैर कॉलोनी काटने के आरोप में थाना पीएयू पुलिस ने दो लोगों के खिलाफ केस दर्ज करके उनकी तलाश शुरू की है। सब इंस्पेक्टर गुलविंदर सिंह ने बताया कि आरोपितों की पहचान गांव प्रताप सिंह वाला निवासी अमरजीत सिंह व रणजीत सिंह के रूप में हुई। दोनों सगे भाई हैं। पुलिस ने ग्लाडा के जेई गुरचरण सिंह की शिकायत पर दोनों के खिलाफ केस दर्ज किया।

जिन कॉलोनाइजरों ने आवेदन नहीं किया है या जो हाल में कॉलोनी काट रहे हैं उनके खिलाफ कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। जैसे-जैसे फाइल तैयार हो रही है वैसे-वैसे पुलिस को एफआईआर के लिए सिफारिश की जा रही है। सोनम चौधरी, एस्टेट अफसर ग्लाडा

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