घुसपैठियों को पकड़ने में माहिर 'टायसन' को मिली नई जिंदगी, लुधियाना के Veterinary अस्पताल में कराया था भर्ती
बीएसएफ के अधिकारियों ने बताया कि टायसन भारत-पाक सीमा पर गश्त के दौरान उनके साथ ड्यूटी देता है। कुछ महीने पहले घुसपैठियों को गिरफ्तार करने में मदद कर चुका है। इसके लिए टायसन को सम्मानित किया जा चुका है।
जागरण संवाददाता, लुधियाना। गुरदासपुर में भारत-पाक बार्डर पर घुसपैठियों को दबोचने में माहिर चार साल के डॉग टायसन को गुरु अंगद देव वेटरनरी एंड एनिमल साइंस यूनिवर्सिटी के वेटरनरी अस्पताल के डाक्टरों ने नई जिंदगी दी है। तीन सितंबर की रात को टायसन को गंभीर हालत में अस्पताल मे भर्ती करवाया गया था। डाक्टरों ने उसकी हालत देखकर तुरंत इलाज शुरू कर दिया।
डिपार्टमेंट आफ टीचिंग वेटरनरी क्लीनिकल कांपलेक्स के सहायक प्रोफेसर (वेटरनरी मेडिसन) डा. रणधीर सिंह ने बताया कि चार साल का लैबराडोर रिटवीयर डॉग 'टायसन' की हालत काफी खराब थी। हालांकि यूनिवर्सिटी में लाने से पहले बीएसएफ के डाक्टरों ने चार दिन तक उसका उपचार किया था लेकिन उससे कोई सुधार नहीं हो रहा था।
जांच में पता चला कि उसे एक्यूट किडनी इंजरी है। इस बीमारी में एकदम से यूरिया बढ़ जाता है। उसका क्रेनाटानाइन व फासफोरस के स्तर में बहुत असंतुलन था। ऐसे में किडनियां काम करना बंद कर देती हैं। इससे मौत भी हो सकती है। टायसन की नाजुक हालत को देखते हुए तुरंत डायलिसिस शुरू किया गया। इसके बाद दवाइयों की मदद से वह रिकवर हो गया।
बीएसएफ जवानों के साथ सरहद पर करता है गश्त
बीएसएफ के अधिकारियों ने बताया कि टायसन भारत-पाक सीमा पर गश्त के दौरान उनके साथ ड्यूटी देता है। कुछ महीने पहले घुसपैठियों को गिरफ्तार करने में मदद कर चुका है। इसके लिए टायसन को सम्मानित किया जा चुका है। वह पहले बीएसएफ की 170वीं बटालियन में सरहद पर ड्यूटी निभाता था। दिसंबर 2019 से 58वीं बटालियन के साथ गश्त कर रहा है। डा. रणधीर का कहना है कि टायसन अब भी उपचाराधीन है। सोमवार कुछ और टेस्ट होंगे। रिपोर्ट नार्मल आने के बाद उसे डिस्चार्ज कर दिया जाएगा।
उत्तर भारत में सिर्फ लुधियाना में डायलिसिस की सुविधा
अस्पताल के निदेशक डा. स्वर्ण सिंह रंधावा ने कहा कि उत्तर भारत में जानवरों के डायलिसिस की सुविधा सिर्फ लुधियाना में है। देश में मात्र दो ही दो वेटरनरी कालेजों में यह सुविधा है।