ऑटो मोबाइल में ग्रोथ, स्टील की उठापटक से फोर्जिग इंडस्ट्री परेशान
पिछले तीन सालों के मुकाबले फोर्जिग इंडस्ट्री ने अच्छी ग्रोथ की है। इसका मुख्य कारण इस साल ऑटो मोबाइल सेक्टर में तेजी से आई ग्रोथ है।
जासं, लुधियाना : पिछले तीन सालों के मुकाबले फोर्जिग इंडस्ट्री ने अच्छी ग्रोथ की है। इसका मुख्य कारण इस साल ऑटो मोबाइल सेक्टर में तेजी से आई ग्रोथ है। पिछले तीन सालों के मुकाबले इस साल अप्रैल से अक्टूबर तक ऑटो मोबाइल में बंपर ग्रोथ हुई है। लेकिन स्टील के दामों लगातार हो रही उठापठक ने इंडस्ट्री को कास्टिंग तय करने के लिए भी मुश्किल में डाल दिया है। यह विचार एसोसिएशन ऑफ इंडियन फोर्जिग इंडस्ट्री (एआइएफआइ) के चेयरमैन अविनाश गुप्ता और अध्यक्ष रणबीर सिंह ने प्रकट किए। उन्होंने बताया कि अप्रैल से अक्टूबर में पैसेंजर व्हीकल में पिछले साल के मुकाबले 6.36 प्रतिशत, कमर्शियल व्हीकल में 6.86 प्रतिशत, एएंडएचसीवी में 6.34 प्रतिशत, एलसीवी में 14.24 प्रतिशत, थ्री व्हीलर में 2.4 प्रतिशत, टू व्हीलर में 8.81 प्रतिशत, ट्रैक्टर में 14.13 प्रतिशत की ग्रोथ आई है। जबकि स्टील के दामों में आ रही बढ़ोतरी में 15 प्रतिशत तक उत्पाद महंगे हो गए हैं। उन्होंने कहा कि इंडस्ट्री को पांच महीनों से जीएसटी और एक्सपोर्टरों को सीजीएसटी रिफंड न मिलने से परेशानी बढ़ी है। कई साल के वैट रिफंड भी नहीं मिले, इसके लिए कंपनियों को ब्याज खुद भरना पड़ रहा है। 250 सदस्यों वाले इस संगठन में फोर्जिग इंडस्ट्री के उत्थान के लिए काम किया जा रहा है। इसमें उद्योगों को नए टेक्नोलॉजी और देश विदेश के बदलावों से अपडेट किया जाता है। 31 हजार करोड़ के व्यवसाय में एक्सपोर्ट बढ़ने से तेजी से इसमें ग्रोथ आ रही है।
उन्होंने कहा कि भारतीय फोर्जिग उद्योग ऑटो कजपुर्जे निर्माण क्षेत्र में प्रमुख भूमिका निभाने वाले क्षेत्रों में से एक है और सरकार के मेक इन इंडिया पहल के लिए प्रमुख योगदान दे रहा है। भारतीय फोर्जिग उद्योग, भारतीय निर्माण क्षेत्र के प्रमुख अंशधारकों में से एक के तौर पर उभर कर सामने आया है। एआईएफआई द्वारा हाल ही में करवाए गए एक सर्वेक्षण के अनुसार वर्ष 2016-17 में 378 चालू फोर्जिग यूनिट्स का अनुमानित वार्षिक टर्नओवर 31,189 करोड़ रुपए रहा। वहीं इन यूनिट्स ने देश भर में अनुमानित एक लाख से अधिक लोगों को रोजगार भी प्रदान किया है। रिपोर्ट के अनुसार इस क्षेत्र में प्लाट और मशीनरी में निवेश भी बढ़ा है और साल उद्योग की स्थापित क्षमता वर्ष 2014-15 में स्थापित 37.6 लाख मीट्रिक टन से बढ़ कर 38.5 लाख मीट्रिक टन तक पहुच गई है। वहीं फोर्जिग का सम्पूर्ण उत्पादन भी 22.5 लाख मीट्रिक टन से बढ़कर 23.9 लाख मीट्रिक टन तक पहुच गया है।