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केंद्रीय व प्रदेश की योजनाओं का फोकस अब एमएसएमई उद्योगों पर

--- -उद्योग आधार से डाटा तैयार कर स्कीमें हो रही तैयार -एमएसएमई समाधान और एमएसएमई संबंधी

By JagranEdited By: Published: Fri, 10 Aug 2018 08:19 PM (IST)Updated: Fri, 10 Aug 2018 08:19 PM (IST)
केंद्रीय व प्रदेश की योजनाओं का फोकस अब एमएसएमई उद्योगों पर
केंद्रीय व प्रदेश की योजनाओं का फोकस अब एमएसएमई उद्योगों पर

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-उद्योग आधार से डाटा तैयार कर स्कीमें हो रही तैयार

-एमएसएमई समाधान और एमएसएमई संबंधी पोर्टल लाच किए

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मुनीश शर्मा, लुधियाना: देश में माइक्रो, स्मॉल एवं मीडियम इंटरप्राइजिज (एमएसएमई) में तेजी से ग्रोथ हो रही है। इसमें उद्यमियों का निवेश लगातार बढ़ रहा है और इसे मेक इन इंडिया से भी जोड़ा जा रहा है। ऐसे में इस क्षेत्र में ग्रोथ की अपार संभावनाओं को देखते हुए अब केंद्र सरकार का फोकस भी एमएसएमई सेक्टर पर है। इसकी झलक लगातार एमएसएमई के लिए कलस्टर योजनाओं का विस्तार, लोन, मशीनरी अपग्रेडेशन और आरएंडडी सेंटर पर ध्यान केंद्रित किए जाने से मिल रही है।

एक साल पूर्व लागू हुए गुड्स एवं सर्विस टैक्स रजिस्ट्रेशन के आकड़ों में भी इसकी झलक दिखी है। देश भर की इंडस्ट्रियल रजिस्ट्रेशन में सबसे ज्यादा आकड़े एमएसएमई से संबंधित है। सबसे ज्यादा रजिस्ट्रेशन एमएसएमई की है। ऐसे में अब केंद्रीय विभागों सहित प्रदेश सरकार का रुख भी एमएसएमई को अग्रसर करने पर है। इसके लिए ऐसी नीतिया तैयार की जा रही हैं, जो एमएसएमई को विस्तार दे सकें। देश की अर्थव्यवस्था को बेहतर कर सकती है एमएसएमई

भारत सरकार के एमएसएमई सचिव डॉ. अरुण कुमार पंडा के मुताबिक देश की ग्रोथ में एमएसएमई अहम रोल अदा कर सकती है। अर्थव्यवस्था को तेज रफ्तार देने के लिए हमारा फोकस एमएसएमई पर है। जीएसटी 1 करोड़ 4 लाख के पंजीकरण में से 1 करोड़ 70 हजार इकाइया एमएसएमई से संबंधित हैं। यह दर्शाता है कि एमएसएमई हमारे देश की रीढ़ है। ऐसे में केंद्र सरकार की ओर से लोन की सीमा को भी एक करोड़ से दो करोड़ किया गया है। वहीं बिना गारंटी लोन को पचास प्रतिशत से बढ़ाकर 75 फीसद किया गया है। इसी प्रक्रिया के तहत उद्योग आधार बनाए जा रहे हैं, ताकि विभिन्न क्षेत्र के उद्योग के आकार, इनकी जरूरतें और इसको लेकर बनाई जाने वाली स्कीमों के लिए एक आधार तैयार किया जा सके। इसी को फोकस कर क्षेत्र के अनुसार योजनाएं और लाभ दिए जा रहे हैं। जेड स्कीम को लेकर भी सरकार गंभीर है। इसके तहत मेक इन इंडिया को अग्रसर करने पर ध्यान दिया जा रहा है। इसमें भी संशोधन कर इंडस्ट्री को जागरूक किया जा रहा है कि कैसे वे गुणवत्ता को सुधार कर विश्व बाजार में खुद को साबित कर आगे बढ़ सके। उद्यमियों की सहूलियत के लिए एमएसएमई समाधान और एमएसएमई संबंधी पोर्टल लाच किए गए हैं। इसके माध्यम से विभिन्न समस्याओं के समाधान के साथ-साथ विभाग से संबंधी सभी जानकारी दी जा रही हैं। पंजाब सरकार का

पंजाब सरकार के प्रधान सचिव उद्योग इंडस्ट्री राकेश कुमार वर्मा के मुताबिक इस समय सरकार के मुख्य फोकस में एमएसएमई है। इसके लिए नई औद्योगिक नीति में नए स्टार्टअप से लेकर मौजूदा एमएसएमई इंडस्ट्री पर फोकस किया गया है। केंद्र की कलस्टर योजना के तहत 22 अलग-अलग सेक्टर के कलस्टर बनाए जा रहे हैं। ये आने वाले दिनों में इंडस्ट्री को अपग्रेड करेंगे और विस्तार के लिए छोटे उद्योग भी अपना योगदान दे सकेंगे।


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