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काबुल से लाए गए दोनों शव, पुलिस की देखरेख में अंतिम संस्कार

आतंकी हमले के दौरान मारे गए शंकर सिंह व जीवन सिह के शव को मंगलवार लुधियाना लाए गए।

By JagranEdited By: Published: Wed, 01 Apr 2020 04:30 AM (IST)Updated: Wed, 01 Apr 2020 06:04 AM (IST)
काबुल से लाए गए दोनों शव, पुलिस की देखरेख में अंतिम संस्कार
काबुल से लाए गए दोनों शव, पुलिस की देखरेख में अंतिम संस्कार

जागरण संवाददाता, लुधियाना : काबुल (अफगानिस्तान) स्थित गुरुद्वारा में आतंकी हमले के दौरान मारे गए शंकर सिंह व जीवन सिह के शव को मंगलवार लुधियाना लाए गए। यहां पर पुलिस अधिकारियों ने राज्य सरकार की ओर से श्रद्धा सुमन अर्पित किए गए। शिवपुरी श्मशानघाट में हुए अंतिम संस्कार के दौरान दोनों मृतकों के स्वजन व रिश्तेदार मौजूद थे। पुलिस की मौजूदगी में कोरोना वायरस से बचाव के लिए उन्हें दूरी बनाकर खड़ा किया था।

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एसीपी सेंट्रल वरियाम सिंह ने बताया कि केंद्र सरकार के प्रयास से दोनों शव सोमवार शाम विशेष विमान से नई दिल्ली एयरपोर्ट पर लाए। वहां से एंबुलेंस से दोनों शव देर रात लुधियाना सिविल अस्पताल में रखवा दिए गए। मृतक शंकर सिंह की पत्नी कीमती कौर भी साथ आई हैं। मंगलवार सुबह दोनों शवों को श्मशानघाट लाया गया। यहां एडीसीपी-1 गुरप्रीत सिंह सिकंद, वरियाम सिंह और थाना डिवीजन नंबर-4 के प्रभारी सतवंत सिंह और पुलिस बल मौजूद था।

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कीमती कौर को किया गया क्वारंटाइन

संस्कार के समय मृतक शंकर सिंह की पत्नी कीमती कौर को एंबुलेंस में श्मशानघाट लाया गया। इसके बाद एहतियात के तौर पर उसे वापस सिविल अस्पताल में बनाए गए क्वारंटाइन में 14 दिन के लिए ले जाया गया है। आतंकी हमले में घायल हुए न्यू कुंदन पुरी निवासी मान सिंह का काबुल के अस्पताल में इलाज चल रहा है।

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एक महीने पहले ही किया था बेटी का रिश्ता

आतंकी हमले में मारे गए जीवन सिंह (48) की पत्नी हरप्रीत कौर का रो-रोकर बुरा हाल था। नानक नगर की गली नंबर 17 स्थित किराए के मकान में रह रहे परिवार की आर्थिक हालत बेहद दयनीय है। हरप्रीत कौर ने कहा कि जीवन सिंह को अपनी बेटी की शादी का बेहद चाव था। एक महीना पहले ही उसने बड़ी बेटी सिमरन का रिश्ता तय किया था। सिमरन से छोटी बेटी केसर है। जबकि बेटा विशाल सिंह उर्फ गोशा गांधी मार्केट की एक दुकान में काम करता है।

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डेढ़ साल पहले बच्चों से मिलकर गया था शंकर सिंह

शंकर सिंह (42) के परिवार की आर्थिक हालत भी ठीक नहीं है। उसके तीन बेटे आकाश, गुरी, बब्बू, तीन बेटियां सिमरन, किरन और रोशनी हैं। उसके सभी बच्चे छावनी मोहल्ले में अपनी नानी नगीन कौर के घर में रहते हैं। शंकर सिंह काबुल में अपनी पत्नी कीमती कौर के साथ रह कर कपड़ा बेचने का काम करता था। डेढ़ साल पहले वो बच्चों से मिल कर गया था। जबकि उसकी पत्नी कीमती कौर एक महीना पहले बच्चों से मिल कर काबुल गई थी। शंकर सिंह के किसी बच्चे की अभी शादी नहीं हुई है।

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एक-एक मुआवजा देने का एलान

उधर, एसजीपीसी के प्रधान गोबिद सिंह लोंगोवाल ने दोनों पीड़ित परिवारों को एक-एक लाख रुपये मुआवजा देने का एलान किया है। इस बारे में गुरुद्वारा श्री दुखनिवारण साहिब के प्रधान प्रितपाल सिंह ने जानकारी दी। पीड़ित परिवारो ने राज्य सरकार से मांग की है कि दोनों परिवारों को रहने के लिए मकान दिया जाए। बता दें कि 25 मार्च को सुबह काबुल स्थित गुरुद्वारा साहिब में हुए आतंकी हमले में शंकर सिंह व जीवन सिंह की मौत हो गई थी।


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