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Ludhiana Corona Update: लुधियाना में कोरोना वायरस से काेई मौत नहीं, 50 नए मामले आए

शहर में काेराेना के एक्टिव केस भी अब 232 रह गए हैं जिसमें से 37 मरीज प्राइवेट अस्पतालों 13 मरीज सिविल अस्पताल व 132 मरीज होम आइसोलेशन में है। जिले में अब तक 20184 लोग कोरोना की चपेट में आ चुके हैं। जबकि 833 संक्रमितों की मौत हो चुकी है।

By Vikas_KumarEdited By: Published: Thu, 29 Oct 2020 08:07 AM (IST)Updated: Thu, 29 Oct 2020 05:48 PM (IST)
Ludhiana Corona Update: लुधियाना में कोरोना वायरस से काेई मौत नहीं, 50 नए मामले आए
फिलहाल जेठी नगर खन्ना, सराभा नगर, गांव सिधवां बेट और गांव नारंगवाल माइक्रो कंटेनमेंट जोन में हैं।

लुधियाना, जेएनएन। जिले में वीरवार को कोरोना के पचास नए मामले सामने आए। 42 मामले लुधियाना सिटी जबकि आठ देहाती क्षेत्रों के रहे। वहीं राहत की बात यह रही कि कोरोना से एक भी मौत नहीं हुई। अक्टूबर में यह तीसरी बार है जब कोरोना से मौत नहीं हुई।

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वहीं एक्टिव केस भी अब 232 रह गए हैं, जिसमें से 37 मरीज प्राइवेट अस्पतालों, 13 मरीज सिविल अस्पताल व 132 मरीज होम आइसोलेशन में है। जिले में अब तक 20184 लोग कोरोना की चपेट में आ चुके हैं। जबकि 833 संक्रमितों की मौत हो चुकी है। वहीं 11 मरीज अभी वेंटीलेटर पर है। जिसमें से पांच लुधियाना व छह दूसरे जिलों के रहने वाले हैं।

इससे पहले बुधवार काे जिले में अब एक भी कंटेनमेंट जोन नहीं रहा था। हालांकि माइक्रो कंटेनमेंट जोन भी अब चार ही रह गए हैं। फिलहाल जेठी नगर खन्ना, सराभा नगर, गांव सिधवां बेट और गांव नारंगवाल माइक्रो कंटेनमेंट जोन में हैं। जिले में बुधवार को कोरोना के 38 मरीज मिले थे।

सिविल अस्पताल में दो नवंबर से शुरू होगी ओपीडी सेवाएं

पंजाब सरकार की ओर से सिविल अस्पताल में ओपीडी सेवाएं और सर्जरी शुरू करने को लेकर एक सप्ताह पहले आदेश दिए गए थे। इसके बाद जिले के सब डिवीजनल सिविल अस्पतालों में तो ओपीडी सेवाएं और सर्जरी शुरू कर दी गई थी। अब डिस्ट्रिक सिविल अस्पताल में भी ओपीडी सेवाएं शुरू होने जा रही है। सिविल अस्पताल में दो नंवबर से ओपीडी सेवाएं शुरू किए जाने की तैयारियां चल रही है। इसे लेकर मंगलवार को डीसी वरिंदर शर्मा ने सेहत विभाग के अधिकारियों के साथ मीटिंग भी की।

ओपीडी शुरू करने के लिए सिविल अस्पताल को दो हिस्सों में बांटा जाएगा। एक कोविड और दूसरा नॉन कोविड। अस्पताल की पहली मंजिल को कोविड मरीजों के लिए रखा जाएगा, क्योंकि यहीं पर आइसीयू है, जबकि दूसरी मंजिल पर अन्य बीमारियों से पीडि़त मरीजों को भर्ती किया जाएगा। इमरजेंसी में आने वाले हर मरीज का कोरोना टेस्ट होगा। इसके अलावा जिन मरीजों को भर्ती किया जाना है, उनका भी कोविड टेस्ट होगा।


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